उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश करें पेगासस जासूसी मामले की जांच : कांग्रेस नेता कमलनाथ
By भाषा | Published: July 21, 2021 05:21 PM2021-07-21T17:21:16+5:302021-07-21T17:21:16+5:30
भोपाल, 21 जुलाई कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने पेगासस जासूसी कांड को लोगों की निजता, प्रजातंत्र एवं भारतीय संविधान पर सबसे बड़ा हमला बताते हुए इस पूरे मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से कराने की मांग बुधवार को की।
इसके अलावा, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि केन्द्र सरकार उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकर स्पष्ट करे कि उसने इज़राइली स्पाईपवेयर पेगासस ना तो खरीदा है और ना ही उसका लाइसेंस लिया है।
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि कर्नाटक की जनता दल (एस) एवं कांग्रेस की गठबंधन वाली पूर्व सरकार गिराने के लिए भी स्पाईवेयर का उपयोग किया गया तथा इसके अलावा, सत्तारूढ़ भाजपानीत केन्द्र सरकार द्वारा राजस्थान के विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का भी लगातार प्रयास चलता है। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को पत्र लिखा था कि उनका (व्हाट्सएप) अकाउंट निगरानी में है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, "पेगासस स्पाइवेयर फोन में हर चीज पर जासूसी करता है, जिसमें मेल, मैसेज और पासवर्ड शामिल हैं। सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि अन्य कंपनियों के भी ऐसे सॉफ्टवेयर खरीदे गए या नहीं।’’
उन्होंने भाजपानीत केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ये देश की मीडिया को दबा दें, लेकिन विश्व की मीडिया को ये दबा नहीं सकते। पेगासस जासूसी मामला लोगों की निजता, प्रजातंत्र एवं भारतीय संविधान पर सबसे बड़ा हमला है। यदि इस मामले की जांच कराएं तो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से करवाएं। (इस जांच के लिए लिए) न्यायाधीश की नियुक्ति विपक्षी दलों की सहमति से होनी चाहिए।’’
कमलनाथ ने बताया कि इस पेगासस जासूसी मामले की फ्रांस ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन पोस्ट एवं लंदन गार्जियन ने ये फोन टैपिंग का जासूसी मामला छापा है तो केन्द्र सरकार उन पर मुकदमा चलाए कि ये भारत को अपमानित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए की यह स्पाईवेयर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खरीदा गया या (प्रधानमंत्री) मोदी की सुरक्षा के लिए खरीदा गया था।’’
उन्होंने कहा कि एनएसओ ग्रुप ने कहा है कि वह केवल संप्रभु सरकारों को ही स्पाईवेयर उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि ऐसी खरीददारी के लिए केन्द्र की एक तकनीकी समिति मूल्यांकन करती है।
गौरतलब है कि मीडिया घरानों के वैश्विक संघ की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद विवाद पैदा गया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत सहित कई देशों में कार्यकर्ताओं, राजनेताओं, न्यायाधीशों और पत्रकारों की संभावित जासूसी के लिए इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया है। विपक्ष जहां इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए है, वहीं सरकार ने पूरे मामले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।
इसके अलावा, कमलनाथ ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इस बयान को भी झूठ बताया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में किसी की भी मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है।
उन्होंने मध्यप्रदेश और केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर कोविड-19 से मरने वालों के 'आंकड़े छिपाने' का भी आरोप लगाया। कमलनाथ ने दावा किया, ‘‘मध्यप्रदेश एवं केन्द्र सरकार कोरोना (की दूसरी लहर) से हुई मौतों को छिपाने का काम कर रही है। 80 प्रतिशत मौत कोरोना से हुई। श्मशान घाट एवं कब्रिस्तानों के आंकड़े हमने निकाले हैं। कोराना के दूसरी लहर के दौरान हुए मौतों की संख्या सरकारी आंकड़ों से मेल नहीं खाते हैं। मौतों के आंकड़े सरकारी आंकड़ों से कहीं अधिक है।’’
उन्होंने केन्द्र सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर दी हैं और आज महंगाई से हर वर्ग परेशान है। कमलनाथ ने कहा कि आज देश में पेट्रोल, डीजल, एलपीजी रसोई गैस, तुअर, मूंग, दूध, घी एवं अंडा सहित सभी आवश्यक चीजों के दाम में बेहताशा वृद्धि हुई है। आज यह महंगाई हर वर्ग की कमर तोड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि आज देश में आर्थिक गतिविधि घट रही है, जिससे हर व्यक्ति प्रभावित हो रहा है।
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