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तलबीगी जमातः 35 देशों के 2700 से अधिक विदेशी नागरिक, दस साल के लिए काली सूची में डाला, सरकार के आदेश के खिलाफ याचिका

By भाषा | Updated: July 13, 2020 17:19 IST

24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट तलबीगी जमात की गतिविधियों में कथित संलिप्तता के कारण 35 देशों के 2700 से अधिक विदेशी नागरिकों को ब्लैक लिस्ट करने के मामले में सुनवाई करेगी।

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ठळक मुद्देतलबीगी जमात की गतिविधियों के लिए विदेशियों को काली सूची में डालने का मामले की सुवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवाई दो सप्ताह लिये स्थगित कर दी जाये।

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि तलबीगी जमात की गतिविधियों में कथित संलिप्तता के कारण 35 देशों के 2700 से अधिक विदेशी नागरिकों को दस साल के लिये काली सूची में डालने के सरकार के आदेश के खिलाफ याचिका पर 24 जुलाई को सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के लिये यह मामला आया। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से अनुरोध किया कि इस मामले की सुनवाई दो सप्ताह लिये स्थगित कर दी जाये।

पीठ ने मेहता का अनुरोध स्वीकार करते हुये इसे 24 जुलाई के लिये सूचीबद्ध कर दिया। केन्द्र सरकार के इस निर्णय के खिलाफ थाईलैंड की एक गर्भवती महिला सहित 34 विदेशी नागरिकों ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर रखी है। इससे पहले, दो जुलाई को सुनवाई के दौरान केन्द्र ने इन याचिकाओं को खारिज करने का अनुरोध किया था। केन्द्र ने दावा किया था कि उसने 2,765 विदेशी नागरिकों के वीजा रद्द करने और उन्हें काली सूची में रखने के बारे में मामले दर मामले के आधार पर आदेश दिये थे।

केन्द्र ने इस मामले में न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा था कि उपलब्ध सूचना के अनुसार 11 राज्यों ने तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों के खिलाफ 205 प्राथमिकी दर्ज की हैं और अभी तक 2,765 विदेशियों को काली सूची में शामिल किया गया है। इनमें से 2,679 विदेशियों के वीजा रद्द किये गये हैं। इनमें नौ ओसीआई कार्ड धारक शामिल हैं।

हलफनामे में कहा गया कि शेष 86 में नेपाल के नागरिक शामिल हैं जिन्हें वीजा की जरूरत नहीं होती है। केन्द्र ने यह भी कहा था कि तबलीगी जमात के विदेशी सदस्यों की तलाश में 1,906 लुक आउट सर्कुलर जारी किये गये थे जबकि यह सर्कुलर जारी होने या फिर काली सूची में शामिल किये जाने की कार्यवाही से पहले ही 227 विदेशी भारत से लौट गये थे।

न्यायालय ने 29 जून को सरकार के दो अप्रैल और चार जून के आदेश के खिलाफ थाईलैंड की सात माह की गर्भवती नागरिक सहित 34 विदेशी नागरिकों की याचिकाओं पर गृह मंत्रालय को अपनी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। 

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