उच्चतम न्यायालय ने ट्रांसजेंडर के रक्तदान पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर केन्द्र को नोटिस दिया

By भाषा | Published: March 5, 2021 08:44 PM2021-03-05T20:44:45+5:302021-03-05T20:44:45+5:30

Supreme Court gives notice to the Center on a petition against the ban on blood donation of transgender | उच्चतम न्यायालय ने ट्रांसजेंडर के रक्तदान पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर केन्द्र को नोटिस दिया

उच्चतम न्यायालय ने ट्रांसजेंडर के रक्तदान पर प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर केन्द्र को नोटिस दिया

नयी दिल्ली, पांच मार्च उच्चतम न्यायालय ने रक्तदान संबंधी 2017 में दिये गये दिशानिर्देश को चुनौती देने वाली एक याचिका पर केन्द्र और अन्य से शुक्रवार को जवाब मांगा है। इन दिशानिर्देशों के तहत ट्रांसजेंडर और पुरुष एवं महिला यौनकर्मियों से यौन संबंध रखने वाले लोगों पर रक्तदान करने से प्रतिबंध लगाया गया है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई और मणिपुर से एक ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता द्वारा दाखिल याचिका पर केन्द्र, राष्ट्रीय रक्त आधान परिषद (एनबीटीसी) और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा।

पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे। पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी किये जाते है।’’

अधिवक्ता अनिन्दिता पुजारी के जरिये दाखिल याचिका में कहा गया है, ‘‘ट्रांसजेंडर और पुरुष एवं महिला यौनकर्मियों से यौन संबंध रखने वाले लोगों पर रक्तदान करने से प्रतिबंध लगाना लैंगिक पहचान और यौन उन्मुखीकरण के आधार पर पूरी तरह से मनमाना, अनुचित, भेदभावपूर्ण और अवैज्ञानिक है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘सभी रक्त इकाइयां जो दानदाताओं से एकत्र की जाती हैं, उन्हें हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और एचआईवी / एड्स सहित संक्रामक रोगों के लिए परीक्षण किया जाता है और इसलिए उन्हें स्थायी रूप से रक्तदान करने से रोकने और अन्य रक्त दाताओं के समान उन्हें केवल उनकी लैंगिक पहचान और यौन उन्मुखीकरण के आधार पर उच्च जोखिम के रूप में वर्गीकृत करके बाहर रखा जाना उनके अधिकार का उल्लंघन है।’’

याचिका में दावा किया गया है कि ये प्रतिबंध ‘‘नकारात्मक रूढ़िवादी मान्यताओं’’ के चलते लगाये गये है जो उनके साथ भेदभाव है और उन्हें अनुच्छेद 14 के तहत समान गरिमा से वंचित किया जाता है क्योंकि उन्हें सामाजिक भागीदारी और स्वास्थ्य सेवा में ‘‘अयोग्य और कमतर’’ समझा जाता है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘कोविड-19 संकट को देखते हुए जहां आपातकालीन और वैकल्पिक सर्जरी तथा उपचार के लिए पहले से कहीं अधिक रक्त की आवश्यकता होती है, ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों और महामारी से प्रभावित लोगों के वास्ते जीवनरक्षक रक्त प्राप्त करने के लिए उनके परिवार और समुदाय के सदस्यों पर भरोसा करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

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Web Title: Supreme Court gives notice to the Center on a petition against the ban on blood donation of transgender

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