क्या कुंवारी बेटी की तरह तलाकशुदा बेटी को भी है स्वतंत्रता सेनानी पेंशन का अधिकार, न्यायालय तय करेगा

By भाषा | Updated: June 3, 2020 20:41 IST2020-06-03T20:41:03+5:302020-06-03T20:41:03+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला में कहा कि हम तय करेंगे की कुंवारी बेटी की तरह तलाकशुदा बेटी भी अपने स्वतंत्रता सेनानी पिता का पारिवारिक पेंशन पाने का अधिकार है। मामला हिमाचल प्रदेश का है।

supreme court delhi himachal pradesh Will a divorced daughter like a virgin daughter have the right to freedom fighter pension, court will decide | क्या कुंवारी बेटी की तरह तलाकशुदा बेटी को भी है स्वतंत्रता सेनानी पेंशन का अधिकार, न्यायालय तय करेगा

संबंध में केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जुलाई के अंत तक जवाब देने को कहा है। (file photo)

Highlightsगौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश निवासी तुलसी देवी (56) ने यह मुद्दा न्यायालय के समक्ष रखा है। उच्च न्यायालय ने उन्हें स्वतंत्रता सेनानी पारिवारिक पेंशन देने की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

नई दिल्लीः क्या एक तलाकशुदा बेटी को भी अपने स्वतंत्रता सेनानी पिता का पारिवारिक पेंशन पाने का अधिकार है, जैसा कुंवारी और विधवा बेटियों को होता है।

इस पर एक उच्च न्यायालय ने कहा है कि ‘‘हां’’ उसे अधिकार है और दूसरे उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि ‘‘नहीं। यह कोई इनाम नहीं है।’’ और अब इस ‘हां और ना’ के उत्तर पर अंतिम फैसला उच्चतम न्यायालय करेगा। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश निवासी तुलसी देवी (56) ने यह मुद्दा न्यायालय के समक्ष रखा है। दरअसल राज्य के उच्च न्यायालय ने उन्हें स्वतंत्रता सेनानी पारिवारिक पेंशन देने की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

न्यायमूर्ति यू.यू. ललित, न्यायमूर्ति एम.एम. शांतागौदर और न्यायमूर्ति विनीत शरण की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मामले की सुनवाई करते हुए इस संबंध में केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर जुलाई के अंत तक जवाब देने को कहा है। सुनवाई के दौरान तुलसी देवी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता दुष्यंत पराशर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने पिता पर निर्भर तलाकशुदा बेटी की याचिका पर विचार नहीं करके गंभीर अवैधता की है। तुलसी देवी के पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और उनकी मृत्यु के बाद उनका पेंशन उनकी पत्नी और तुलसी देवी की मां को मिल रहा था।

अधिवक्ता ने कहा कि 2016 में ऐसा ही एक मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष आया जिसमें खजानी देवी की अर्जी पर अदालत ने फैसला सुनाया कि स्वतंत्रता सेनानी पेंशन तलाकशुदा बेटियों के लिए भी है और उन्हें कुंवारी और विधवा बेटी की तरह ही इसके लिए योग्य माना जाए। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी तो 27 सितंबर, 2019 को शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज कर दी और 2016 में आए फैसले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। 

Web Title: supreme court delhi himachal pradesh Will a divorced daughter like a virgin daughter have the right to freedom fighter pension, court will decide

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे