कोरोना संकट के बीच पर्यूषण पर्व के लिए खुलेंगे मुंबई में तीन जैन मंदिर, सुप्रीम कोर्ट ने दी सशर्त इजाजत
By विनीत कुमार | Published: August 21, 2020 02:07 PM2020-08-21T14:07:30+5:302020-08-21T14:07:30+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने पर्यूषण पर्व के लिए मुंबई में तीन जैन मंदिरों को दो दिनों के लिए खोलने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने साथ ही ये भी साफ किया है कि उसका ये आदेश अन्य मंदिरों और गणेश चतुर्थी के लिए लागू नहीं होता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संकट के बीच मुंबई में पर्यूषण पर्व के दौरान दो दिनों के लिए तीन जैन मंदिरों को सशर्त खोलने की इजाजत दे दी है। ये मंदिर दादर, बायकुला और चेंबूर में मौजूद हैं। कोर्ट के आदेश के अनुसार ये जैन मंदिर 22 और 23 अगस्त को खोले जा सकेंगे।
कोर्ट ने कहा कि मंदिर में प्रार्थना के दौरान कोविड-19 को देखते हुए सभी गाइडलाइन का पालन किया जाना चाहिए। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क का इस्तेमाल जैसी बातें भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जैन मंदिरों के प्रबंधन को कहा कि वो अंडरटेकिंग दें कि कोरोना को लेकर SoP और सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा।
साथ ही कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया कि इस अंतरिम आदेश को कोरोना लॉकडाउन में अन्य धार्मिक स्थलों को खोलने या गणेश चतुर्थी के लिए इजाजत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि गणपति उत्सव पर स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी समय के अनुसार फैसला लेगी।
A Bench headed by Chief Justice SA Bobde said that this concession cannot be applied to any other temple or for Ganesh Chaturthi celebrations which involve large congregation. https://t.co/FLgVUwAqzc
— ANI (@ANI) August 21, 2020
चीफ जस्टिस एसएस बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वो लॉकडाउन में धार्मिक जमावड़ों के मुद्दों पर और विस्तार से नहीं जाना चाहता है क्योंकि इस पर बॉम्बे हाई कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है।
हालांकि, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने मॉल्स और अन्य आर्थिक गतिविधियों को खोलने की अनुमति दी है लेकिन मंदिरों की इसकी इजाजत नहीं दी गई है।
पीठ ने कहा कि राज्य सराकर हर उस गतिविधि को अनुमति दे रही है जिसमें पैसा शामिल है लेकिन मंदिरों के लिए कहा जा रहा है कि अभी कोविड है। सुप्रीम कोर्ट ने पुरी जगन्नाथ यात्रा का भी जिक्र किया और कहा कि उसका भी उचित प्रबंध इसी कोरोना के संकट के बीच किया गया।