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कश्मीर में कोविड-19 के बाद आत्महत्या के प्रयासों में वृद्धि, SDRF के आंकड़ों से हुआ खुलासा

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 22, 2022 15:36 IST

एसडीआरएफ द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी 2021 से आत्महत्या के 365 प्रयास दर्ज किए गए, जबकि 127 लोगों की मौत आत्महत्या करने के बाद हुई।

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ठळक मुद्देफरवरी 2021 से आत्महत्या के 365 प्रयास दर्ज, 127 लोगों की मौत आत्महत्या करने के बाद हुईरिपोर्ट के अनुसार, 238 लोग ऐसा भयानक कदम उठाने के बाद बचे, लेकिन वे डिप्रेशन में चले गएबड़गाम जिले में सबसे अधिक 72, इसके बाद बारामुल्ला जिले में 61 आत्महत्या के प्रयास और

जम्मू: कोविड-19 के बाद से कश्मीर में आत्महत्या के प्रयासों और आत्महत्याओं के कारण होने वाली मौतों में भारी वृद्धि देखी गई है क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि फरवरी 2021 के बाद से, कश्मीर में 365 आत्महत्या के प्रयास हुए, जबकि 127 लोगों की मृत्यु ऐसा कदम उठाने के बाद हुई।

एसडीआरएफ द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी 2021 से आत्महत्या के 365 प्रयास दर्ज किए गए, जबकि 127 लोगों की मौत आत्महत्या करने के बाद हुई। आंकड़े बताते हैं, 238 लोग ऐसा भयानक कदम उठाने के बाद बच तो गए लेकिन वे डिप्रेशन में चले गए। इन आंकड़ों में जम्मू संभाग के आंकड़े शामिल नहीं किए गए हैं।

आंकड़ों में कहा गया है कि बड़गाम जिले में सबसे अधिक 72 आत्महत्या के प्रयास और उसके बाद बारामुल्ला जिले में 61 ऐसे प्रयास इस अवधि में हुए थे। इसी तरह, अनंतनाग जिले में 55 आत्महत्या के प्रयास और कुपवाड़ा में 51, बांडीपोरा में 34 आत्महत्या के प्रयास दर्ज किए गए। जबकि इसके बाद शोपियां में 19 और पुलवामा में 15 प्रयास हुए। 

जिला कुलगाम में 25 आत्महत्या की कोशिशें दर्ज की गईं और श्रीनगर में 17 मामले सामने आए हैं। एकत्र आंकड़ों से पता चला कि फरवरी 2021 से अब तक कुल 365 आत्महत्या के प्रयास दर्ज किए गए हैं। आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि श्रीनगर में 17, गांदरबल में 11, बांडीपोरा में 8, शोपियां में 9, पुलवामा में 8, बडगाम में 11, अनंतनाग में 31, कुलगाम में 10, बारामुल्ला में 15 और कुपवाड़ा में 7 लोगों की मौत ऐसे भयानक कदम उठाने के बाद हुई हैं। अर्थात इस अवधि में कुल 127 लोगों की मौत हो गई।

एसडीआरएफ के एसएसपी हसीब-उर-रहमान के मुताबिक, कोविड -19 महामारी के बाद, कश्मीर में आत्महत्या से संबंधित घटनाओं में तेजी देखी गई है। जो एक चिंता का विषय कहा जा सकता है। उनका कहना था कि इसके पीछे कई कारण हैं और सबसे आम हैं वित्तीय मुद्दे और घरेलू मुद्दे। हमें सुकून हेल्प लाइन पर बहुत से संकटपूर्ण काल आ रहे हैं जहां हम तत्काल परामर्श प्रदान करते हैं। वे कहते थे कि आत्महत्या के बढ़ते इस ट्रेंड को तत्काल रोकने की सख्त जरूरत है।

एसडीआरएफ के एसएसपी का कहना था कि वे पर मामले पर कार्रवाई के लिए जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव ए के मेहता को रिपोर्ट सौंपने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार रिपोर्ट पर कार्रवाई करेगी और तदनुसार इस मुद्दे के समाधान के लिए गंभीर और त्वरित कदम उठाए जाएंगे ताकि कश्मीर फिर से धरती का स्वर्ग बन जाए न कि आत्महत्याओं की वादी।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरआत्महत्या प्रयासSDRF
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