केरल में छात्रवृत्ति के लिए अल्पसंख्यकों के उप-वर्गीकरण को उच्च न्यायालय ने निरस्त किया

By भाषा | Updated: May 28, 2021 19:55 IST2021-05-28T19:55:13+5:302021-05-28T19:55:13+5:30

Sub-classification of minorities for scholarship in Kerala repealed by High Court | केरल में छात्रवृत्ति के लिए अल्पसंख्यकों के उप-वर्गीकरण को उच्च न्यायालय ने निरस्त किया

केरल में छात्रवृत्ति के लिए अल्पसंख्यकों के उप-वर्गीकरण को उच्च न्यायालय ने निरस्त किया

कोच्चि, 28 मई केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें ‘योग्यता सह साधन’ छात्रवृत्ति के लिए अल्पसंख्यकों का उप-वर्गीकरण करते हुए कहा गया था कि इसके लाभ के मामले में 80 प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों तथा 20 प्रतिशत आरक्षण लैटिन कैथोलिक ईसाइयों एवं धर्मांतरित ईसाइयों के लिए होगा।

मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार तथा न्यायमूर्ति शाजी पी चाली की खंडपीठ ने इस संबंध में सरकारी आदेश को निरस्त करते हुए कहा कि यह कानूनी रूप से नहीं टिकता।

अदालत ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार राज्य में अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को समान रूप से तथा राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पास मौजूद नवीनतम जनगणना आंकड़े के मुताबिक संबंधित छात्रवृत्ति का लाभ देने के लिए आवश्यक एवं उचित आदेश जारी करे।

उच्च न्यायालय ने यह आदेश जस्टिन पल्लीवतुक्कल नामक व्यक्ति की जनहित याचिका पर दिया।

याचिका में सरकार के आठ मई 2015 के आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के बीच 80 : 20 का आरक्षण किया गया था यानी कि 80 प्रतिशत आरक्षण मुसलमानों को और 20 प्रतिशत आरक्षण लैटिन कैथोलिक ईसाइयों एवं धर्मांतरित ईसाइयों को देने की बात कही गई थी।

याचिकाकर्ता ने इस अनुपात को मनमाना, अनुचित और अवैध तथा संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 15 का उल्लंघन करार दिया था।

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Web Title: Sub-classification of minorities for scholarship in Kerala repealed by High Court

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