स्टार दर्शकों को थिएटर तक लाते हैं, पर फिल्म कहानी के दम पर चलती है: एस एस राजामौली

By भाषा | Updated: December 27, 2021 20:37 IST2021-12-27T20:37:50+5:302021-12-27T20:37:50+5:30

Stars bring audience to the theatre, but film follows story: SS Rajamouli | स्टार दर्शकों को थिएटर तक लाते हैं, पर फिल्म कहानी के दम पर चलती है: एस एस राजामौली

स्टार दर्शकों को थिएटर तक लाते हैं, पर फिल्म कहानी के दम पर चलती है: एस एस राजामौली

(बेदिका)

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर ‘बाहुलबली’ जैसी फिल्मों का निर्देशन करने वाले एस एस राजामौली का मानना है कि स्टार दर्शकों को थिएटर तक लाते हैं, लेकिन फिल्म अपनी कहानी के दम पर चलती है।

राजामौली का यह भी कहना है कि अखिल भारतीय फिल्म बनाने का मतलब यह नहीं है कि उसमें अलग-अलग भाषा के बड़े कलाकारों को साथ लाया जाए बल्कि इसका मतलब है कि ऐसी फिल्म बनाई जाए, जिसकी कहानी सभी भाषा के दर्शकों को आपस में जोड़े।

निर्देशक बड़े बजट की फिल्म ‘आरआरआर’ लेकर आ रहे हैं। यह फिल्म ‘बाहुबली’ के दूसरे संस्करण के रिलीज़ होने के पांच साल बाद आ रही है।

पीटीआई-भाषा को हैदराबाद से ‘ज़ूम’ पर दिए साक्षात्कार में राजामौली ने कहा, “ अखिल भारतीय फिल्म का मतलब यह नहीं है कि वह अलग-अलग भाषाओं के अभिनेताओं को साथ लाए। अखिल भारतीय फिल्म का मतलब है कि उसकी कहानी सबको जोड़े, चाहे उनकी भाषा कोई भी हो। कहानी बुनते वक्त मैं सोचता हूं कि अगर संवाद के हिस्से को बंद कर दूं, तो भी क्या दर्शक मेरी फिल्म से जुड़ेंगे? और कई बार जवाब होता है हां जोड़ती है।”

उन्होंने कहा, “ अगर आपकी कहानी सार्वभौमिक भावनाओं को लेकर है तो आपको दृश्य उसी तरीके से शूट करने होंगे, न कि स्टार की स्थिति के अनुरूप। अभिनेता को फिल्म का समर्थन करने वाला होना चाहिए। मेरा हमेशा से मानना है कि स्टार दर्शकों को थिएटर तक लाते हैं, लेकिन जब वे वहां आ जाते हैं तो कहानी से शो चलता है, न कि स्टार की वजह से फिल्म चलती है।”

‘आरआरआर’ स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले की काल्पनिक कहानी है जो 1920 के दशक के दो वास्तविक भारतीय क्रांतिकारियों के इर्द-गिर्द घूमती है। यह हैं अल्लूरी सीताराम राजू (रामचरण) और कोमाराम भीम (एनटी रामा राव जूनियर)। इस फिल्म में अजय देवगन, आलिया भट्ट और ओलिविया मॉरिस भी हैं।

उन्होंने कहा, “ यह फिल्म भले ही स्वतंत्रता सैनानियों और स्वाधीनता संघर्ष से प्रेरित हो लेकिन यह देशभक्ति को लेकर नहीं है, बल्कि इन दो नायकों के बीच की दोस्ती के बारे हैं और इन दोनों ने कैसे इस एक दूसरे को प्रेरित किया, इस बारे हैं। यह एक काल्पनिक कहानी है, इसलिए मैंने उनके कपड़ों और बोलने के तरीके की वास्तविकता पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया है।”

राजामौली ने कहा कि ‘बाहुबली’ और ‘आरआरआर’ को आपस में दमन के खिलाफ लड़ने की थीम जोड़ती है।

यह फिल्म हिंदी, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु में आएगी और वह इन भाषाओं में इसकी डबिंग का इंतजार कर रहे हैं।

राजामौली ने इस फिल्म में एक बार फिर अपने पिता लेखक के वी विजयेंद्र प्रसाद के साथ काम किया है। वह ‘बजरंगी भाईजान’, ‘बाहुबली’ ‘मणिकर्णिका: क्वीन ऑफ झांसी" के लिए जाने जाते हैं।

राजामौली ने कहा, “ वह (उनके पिता) सबसे अच्छे कहानीकार हैं, जिन्हें मैं जानता हूं। उन्होंने मेरी एक या दो फिल्मों को छोड़कर लगभग सभी फिल्मों की कहानी लिखी है।”

कोविड महामारी के कारण फिल्म में लगभग एक साल का विलंब हुआ है, लेकिन निर्देशक ने कहा कि इसने उन्हें फिल्म को और निखारने का वक्त दिया।

यह फिल्म सात जनवरी को सिनेमा घरों में रिलीज होगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Stars bring audience to the theatre, but film follows story: SS Rajamouli

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे