कश्मीर की नई पहचान बना लाल चौक, 15 अगस्त को तिरंगे के साथ सेल्फी लेने के लिए उमड़े लोग

By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 16, 2023 11:05 AM2023-08-16T11:05:06+5:302023-08-16T11:12:14+5:30

कश्मीर में डल झील और ट्यूलिप गार्डन के बाद अब घंटाघर चौक यानी लाल चौक एक नए रंग रूप में निखरकर देश और दुनिया के सामने आया है।

Srinagar's Lal Chowk became the new identity of Kashmir | कश्मीर की नई पहचान बना लाल चौक, 15 अगस्त को तिरंगे के साथ सेल्फी लेने के लिए उमड़े लोग

कश्मीर की नई पहचान बना लाल चौक, 15 अगस्त को तिरंगे के साथ सेल्फी लेने के लिए उमड़े लोग

Highlights15 अगस्त को कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगे के साथ सेल्फी लेने वालों की होड़ लगी हुई थी आतंकवाद के दिनों में यही लाल चौक कई भीषण आतंकी हमलों का गवाह रहा है इसी लाल चौक पर बजाज समूह ने साल 1979 में क्लाक टावर विकसित किया था

जम्मू: कश्मीर में डल झील और ट्यूलिप गार्डन के बाद अब घंटाघर चौक यानी लाल चौक एक नए रंग रूप में निखरकर सामने आया है। यही कारण है कि कि कल स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान यहां तिरंगा फहराने के साथ ही सेल्फी लेने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। वहीं अब टूर आप्रेटरों ने भी कश्मीर आने वाले टूरिस्टों के लिए इसे दर्शनीय स्थलों की सूची में शामिल कर लिया है।

कभी आतंकवाद की निशानी रहा घंटाघर, जिसे लाल चौक पर क्लाक टावर के रूप में भी जाना जाता है। कश्मीर में समृद्ध इतिहास को संजोए हुए है। इतिहासकार जरीफ अहमद जरीफ के अनुसार घंटाघर के निर्माण से पहले लाल चौक पर एक ‘लाल चौक’ भी था, जिसे ईसाइयों द्वारा विकसित किया गया था और बाद में जम्मू कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री शेख मुहम्मद अब्दुल्ला के अनुरोध पर बजाज समूह द्वारा क्लाक टावर का निर्माण किया गया था।

साल 1975 में इंदिरा गांधी-अब्दुल्ला समझौते के बाद बजाज समूह कश्मीर पहुंचा और क्लाक टावर विकसित करने के लिए स्थान के रूप में लाल चौक को चुना। उसके बाद साल 1979 में बजाज इलेक्ट्रिकल्स ने कंपनी के विज्ञापन के रूप में टावर का निर्माण किया था।

साल 1989 के बाद से क्लाक टावर ने राजनीतिक महत्व प्राप्त कर लिया और यही कारण है कि विभिन्न दलों के राजनेता क्लाक टावर के ऊपर तिरंगा या हरा झंडा फहराने के लिए लाल चौक जाते हैं। यह ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1948 में इसी चौक में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) फहराया था।

अब स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अधिकारियों ने मौजूदा संरचना को ध्वज के रंग में रंगकर एक नया घंटाघर बना दिया गया है। इसे रिकार्ड समय में पूरा किया गया है। अब यही कश्मीर की शान के तौर पर खड़ा है। यह बात अलग है कि आतंकवाद के दिनों में यह घंटाघर पाकिस्तानी झंडों को अपने आप में समेटे रहता था, कई आतंकी हमलों का भी गवाह बना था।

यही नहीं अनुच्छेद 370 की वापसी से पहले लाल चौक अर्थात घंटाघर चौक में तिरंगा फहराना आम बात नहीं थी। लाल चौक पर एक दुकान के मालिक बशीर अहमद ने घंटाघर के पुनर्निर्माण पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इसके ऐतिहासिक महत्व के बावजूद प्रशासन ने लंबे समय तक इस स्थान और टावर की उपेक्षा की थी। अहमद का मानना है कि टावर का पूरा होना आकर्षक है और स्थानीय समुदाय इसका स्वागत करता है।

कुल मिलाकर लाल चौक पर घंटा घर कश्मीर में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और राजनीतिक स्थल के रूप में मौजूद है, जो अपने जीवंत स्थान के कारण देश के अन्य भागों से आने वाले आगंतुकों के लिए आकर्षण का विषय बना रहता है।

Web Title: Srinagar's Lal Chowk became the new identity of Kashmir

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे