Special Session Of Parliament: विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के दफ्तर में करेंगे मंथन
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 18, 2023 10:55 AM2023-09-18T10:55:35+5:302023-09-18T10:58:02+5:30
संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरूआत से पूर्व विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेता राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दफ्तर में एक बैठक करेंगे।

फाइल फोटो
नई दिल्ली:संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरूआत से पूर्व विपक्षी गठबंधन भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) के नेता सोमवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दफ्तर में एक बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से संसद में पेश होने वाले संभावित प्रस्तावों पर बैठक में चर्चा हो सकती है और साथ ही नेताओं के बीत सदन में विपक्षी दलों की रणनीति के बारे में बात होने की उम्मीद जताई जा रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सदन के पटल पर विपक्षी रणनीति को अंतिम तैयारी देने के लिए 'इंडिया' गठबंधन के नेता संसद के विशेष सत्र की शुरुआत से पहले बैठक में व्यापक मुद्दों पर मंथन करेंगे।
संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बीते रविवार को कहा था कि सत्र में 5 दिनों की अवधि में 5 बैठकें आयोजित की जाएंगी, इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान आठ विधायी आइटम उठाए जाने की संभावना है।
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा था कि इस विशेष सत्र में संविधान सभा से शुरू हुई 75 वर्षों की संसदीय यात्रा, उसकी उपलब्धियां, अनुभव और यादें पर भी चर्चा की जाएगी।
रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नए संसद भवन के "गज द्वार" पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे। संसद का यह विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा।
जहां तक विशेष सत्र के एजेंडे की बात है तो हफ्तों तक कोई जानकारी नहीं सार्वजनिक करने के बाद सरकार ने पिछले हफ्ते एक एजेंडे की घोषणा की। जिसमें बताया कि सरकार की ओर से विशेष सत्र में कई विधेयक रखे जाएंगे और संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्षों की संसदीय यात्रा पर चर्चा होगी।
इससे पहले रविवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री जोशी ने संसद के दोनों सदनों के सुचारू कामकाज के लिए सभी दलों से सक्रिय सहयोग और समर्थन का अनुरोध किया। विशेष सत्र की घोषणा राजनीतिक हलकों में एक आश्चर्य के रूप में सामने आई, क्योंकि पार्टियां इस साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही हैं।