गाजियाबाद, 22 अक्टूबर गाजियाबाद की एक विशेष अदालत ने आठ साल पहले एक नाबालिग लड़की से बलात्कार करने और उसे छह महीने की गर्भावस्था में छोड़ने के मामले में शुक्रवार को एक व्यक्ति को सात साल जेल की सजा सुनाई।
पॉक्सो अधिनियम के तहत स्थापित एक अदालत के विशेष न्यायाधीश पीयूष तिवारी ने पीड़िता के इस दावे के बावजूद साहिबाबाद निवासी अमजद को दोषी करार दिया और सजा सुनाई कि वह कथित बलात्कार के समय 18 वर्ष की थी।
विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने कहा कि पीड़िता ने अभियोजन के पक्ष से मुकरते हुए अदालत से यह भी कहा कि वह अमजद के साथ रहना चाहती है क्योंकि वह जून 2014 में उसकी गिरफ्तारी के बाद से उसके परिवार के साथ रह रही थी।
हालांकि अदालत ने पाया कि पीड़िता बलात्कार के समय केवल 17 वर्ष की थी, लिहाजा उसने पीड़िता की दलीलों को दरकिनार कर अमजद को सात साल जेल की सजा सुनाई और 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
बखरवा ने कहा कि बेटी के साथ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने वाले पीड़िता के पिता की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी।
उन्होंने कहा कि अदालत ने दोषी को जुर्माना राशि में से 35,000 रुपये मुआवजे के रूप में पीड़िता को देने का निर्देश दिया।
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