एजेएल भूखंड पुन: आवंटन मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने हुड्डा के खिलाफ आरोपपत्र तय किए
By भाषा | Published: April 16, 2021 03:52 PM2021-04-16T15:52:12+5:302021-04-16T15:52:12+5:30
चंडीगढ़, 16 अप्रैल पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) भूखंड के पुन: आवंटन मामले में आरोप तय किए।
बचाव पक्ष के एक वकील ने कहा, ‘‘हुड्डा के खिलाफ आरोपों को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (ठगी), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र में पक्षकार) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (1) (डी) के तहत तय किया गया।’’
आरोप तय किए जाने के समय हुड्डा अदालत में मौजूद थे।
इस मामले में आरोप मुक्त करने के लिये हुड्डा के आवेदन और आरोप तय किए जाने के आवेदनों पर बृहस्पतिवार को अदालत में जिरह पूरी हो गई थी।
मामले से बरी किए जाने के हुड्डा के आवेदन को अदालत ने खारिज कर दिया।
वकील ने कहा कि मामले में अब सात मई को सुनवाई होगी।
मामले में हुड्डा और कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा आरोपी हैं। वोरा का हाल में निधन हो गया था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पंचकूला में भूखंड के पुन: आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर दिसंबर 2018 में हुड्डा और एजेएल के तत्कालीन अध्यक्ष वोरा के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
एजेंसी ने तब दावा किया था कि एजेएल को भूखंड के पुन: आवंटन से 67 लाख रुपये राजस्व का नुकसान हुआ था।
सीबीआई ने कहा था कि एजेएल को पंचकूला में 1982 में एक भूखंड आवंटित किया गया, जिस पर दस वर्षों तक कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। इसके बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने भूखंड को वापस ले लिया। बहरहाल, 2005 में इसी भूखंड को नियमों का उल्लंघन कर पुरानी दर पर फिर से एजेएल को आवंटित कर दिया गया।
हुड्डा मुख्यमंत्री के तौर पर प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष थे।
प्रवर्तन निदेशालय ने भी मामले की जांच की और पंचकूला में एजेएल को जमीन आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में अपना आरोपपत्र दायर किया था।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।