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सपा, बसपा की सरकारों ने उप्र की 21 चीनी मिलों को ‘कौड़ियों’ के भाव बेच दिया : सुरेश राणा

By भाषा | Updated: February 2, 2021 16:25 IST

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आनंद राय

लखनऊ, दो फरवरी केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानूनों के विरोध में जारी देशव्यापी किसान आंदोलन के बीच उत्‍तर प्रदेश सरकार के चीनी मिल एवं गन्‍ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने दावा किया कि प्रदेश के भाजपा शासन के चार साल से कम समय में गन्ना किसानों को एक लाख 20 हजार करोड़ रुपये के भुगतान किया गया है और दावा किया कि समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी की पूर्ववर्ती सरकारों पर दस वर्षों में 21 चीनी मिलों को ‘कौड़ियों’ के भाव बेचने का आरोप लगाया।

गन्‍ना मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता सुरेश राणा ने ‘पीटीआई- ‘भाषा’ से विशेष बातचीत में किसानों के हित में राज्‍य और केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकारों द्वारा किये गये कार्यों के विस्‍तृत आंकड़े जारी करे हुये पूर्ववर्ती बसपा और सपा की सरकारों की जमकर आलोचना की।

राणा ने कहा '' उत्‍तर प्रदेश में 2007 से 2012 (बसपा शासन) तक 19 चीनी मिलें और 2012 से 2017 (सपा शासन) तक 10 चीनी मिलें बंद हुईं और इन्‍हीं दस वर्षों में 21 चीनी मिलों को कौड़ियों के भाव बेच दिया गया ।’’

मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने बागपत के रमाला में नई चीनी मिल की स्‍थापना की। गोरखपुर के पिपराइच, बस्‍ती के मुंडेरवा में चीनी मिलें स्‍थापित की गई।” राणा ने चीनी मिलों के क्षेत्र में सरकार द्वारा किये गये कार्यों को सिलसिलेवार गिनाया।

आजमगढ़ जिले के सठियांव चीनी मिल की उपेक्षा के सवाल पर राणा ने कहा '’सठियांव में सपा सरकार ने किसानों को धोखा देते हुए वहां की डिस्टिलरी को बीच में ही छोड़ दिया था लेकिन मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को बधाई, जिन्‍होंने 33 करोड़ रुपये देकर डिस्टिलरी (आसवनी) को चलाया।'’

उल्लेखनीय है कि आजमगढ़ समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव का संसदीय क्षेत्र है और उनके पहले सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी लोकसभा में आज़मगढ़ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

गन्‍ना किसानों के भुगतान के मसले को लेकर सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों पर पलटवार करते हुए गन्‍ना मंत्री ने कहा कि '' मैं अखिलेश यादव से केवल इतना कहना चाहूँगा कि सपा के पांच वर्षों के कार्यकाल में 95 हजार 200 करोड़ रुपये का गन्‍ना किसानों का भुगतान हुआ और योगी सरकार चार वर्ष से कम समय में ही एक लाख 20 हजार करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है।''

सपा अध्‍यक्ष और उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने गत दिवस भाजपा सरकार पर गन्‍ना किसानों का दस हजार करोड़ रुपये के बकाये का आरोप लगाया था। यादव पर निशाना साधते हुए राणा ने कहा “जब उत्‍तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो गन्‍ना विभाग के सामने बड़ी चुनौती थी क्‍योंकि सपा सरकार में किसानों का वर्षों का गन्‍ना भुगतान बाकी था। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने इस चुनौती को स्‍वीकार किया और सभी बकाये का भुगतान कराया।”

राणा ने कहा “सपा की सरकार में वर्ष 2015-16 में गन्‍ना किसानों का 18 हजार तीन करोड़ रुपये का भुगतान हुआ, जबकि योगी सरकार में वर्ष 2019-20 में एक वर्ष में 35 हजार 800 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ।”

एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा '' पिछले 25 वर्षों में उत्‍तर प्रदेश में खांड़सारी उद्योग को बंद कर दिया गया था लेकिन योगी जी ने बंद खांड़सारी उद्योग की प्रक्रिया को पुन: शुरू किया और लाइसेंस जारी करने के मानक को आसान किया जिससे दो वर्षों में ही 250 से ज्‍यादा नये खांड़सारी उद्योगों का लाइसेंस सरकार ने जारी किया। इन खांड़सारी उद्योगों की क्षमता 14 चीनी मिलों के बराबर है।

चार वर्षों में गन्‍ना के मूल्‍य में केवल दस रुपये बढाने के किसान नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए उन्‍होंने कहा कि “मुख्‍यमंत्री ने न केवल गन्‍ना मूल्‍य का दाम बढ़ाया बल्कि किसानों को गन्‍ना ढुलाई में भी भारी छूट देकर लाभ पहुंचाया है।” खेती में आधुनिक तकनीक के विकास का दावा करते हुए मंत्री ने कहा कि “वर्ष 2016-17 में उत्‍तर प्रदेश में गन्‍ने का औसत उत्‍पादन 66 टन प्रति हेक्‍टेयर था वहीं अब प्रति हेक्‍टेयर 80 टन गन्‍ना पैदा हो रहा है।”

उन्‍होंने कहा कि ''आजादी के बाद पहली बार उत्‍तर प्रदेश में चीनी मिलें 23 जून तक चली हैं और यह राज्‍य पिछले तीन वर्ष में गन्‍ना उत्‍पादन में नंबर एक है और हम पूरे देश का 48 प्रतिशत चीनी का उत्‍पादन कर रहे हैं। इथेनॉल की आपूर्ति में भी उत्‍तर प्रदेश नंबर एक हो गया है।''

राणा ने यह भी दावा किया “पिछली सरकारों की तुलना में अभी दोगुने चीनी का उत्‍पादन हो रहा है और देश में कुल गन्‍ने का अकेले 60 प्रतिशत उत्‍पादन उत्‍तर प्रदेश में हो रहा है।”

चीनी मिलों और गन्‍ना उत्‍पादन के बीच माफि‍या के वर्चस्‍व की चर्चा करते हुए उन्‍होंने कहा '' प्रदेश में गन्‍ना क्रय केंद्रों के समानांतर माफ‍िया के केंद्र चलते थे लेकिन सरकार ने तीन लाख से ज्‍यादा माफ‍िया के फर्जी केंद्रों को बंद किया और पूरे देश में उत्‍तर प्रदेश की गन्‍ना खरीद पर्ची वितरण को रोल मॉडल बना दिया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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