सोनिया गांधी का आरोप- मोदी सरकार आरटीआई को खत्म करना चाहती है
By शीलेष शर्मा | Updated: July 24, 2019 03:27 IST2019-07-24T03:27:46+5:302019-07-24T03:27:46+5:30
सोनिया ने सरकार को याद दिलाया कि सूचना का अधिकार कानून बनाते समय व्यापक विचार-विमर्श किया गया था और संसद की पूर्ण सहमति सभी पक्षों की ओर से इस कानून के साथ थी जो अब खत्म होने के कगार पर जा पहुंचा है.

सोनिया गांधी का आरोप- मोदी सरकार आरटीआई को खत्म करना चाहती है
सूचना के अधिकार को लेकर पहले से हमलावर कांग्रेस ने आज सरकार के खिलाफ नया मोर्चा खोलते हुए राज्यसभा में समूचे विपक्ष को पूरी तरह लामबंद करने की कोशिश तेज कर दी. यह तेजी उस समय आई जब कांग्रेस संसदीय दल के नेता सोनिया गांधी ने एक बयान जारी कर सरकार पर सीधा आरोप लगाया कि मोदी सरकारआरटीआई कानून को खत्म कर देना चाहती है और इसी इरादे से वह संशोधन लेकर आई है.
सोनिया ने इस मुद्दे को अत्यंत चिंतित करने वाला बताते हुए साफ किया कि जिस कानून को पूरे सदन ने सहमति के आधार पर 2005 में पारित किया था उसे पूरी तरह खत्म करने पर यह सरकार उतारू है. सोनिया ने सरकार को याद दिलाया कि सूचना का अधिकार कानून बनाते समय व्यापक विचार-विमर्श किया गया था और संसद की पूर्ण सहमति सभी पक्षों की ओर से इस कानून के साथ थी जो अब खत्म होने के कगार पर जा पहुंचा है.
पिछले कई वर्षो में 60 लाख से अधिक नागरिकों के आरटीआई का उपयोग किया जिससे प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बल मिला. जिसका परिणाम था कि लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत हुई लेकिन इस सरकार का इस सूचना के अधिकार में कोई विश्वास नहीं है वह आयोग के दर्जे और उसकी स्वतंत्रता को खत्म कर देना चाहती है. जिससे देश का हर नागरिक कमजोर होगा. सोनिया का यह वक्तव्य नहीं बल्कि इस ओर इशारा कर रहा है कि कांग्रेस और विपक्ष मिलकर हर कीमत पर सूचना का अधिकार संशोधन अधिनियम 2019 को राज्यसभा में विपक्ष गिराने की पूरी कोशिश करेगा.