भारत में 26 दिसंबर को सुबह कई हिस्सों में सूर्य ग्रहण के नजारे को लोगों ने देखा। ओडिशा, केरल, गुजराज, तमिलनाडु ,कर्नाटक, महाराष्ट्र मेंसूर्य ग्रहण के साफ नजारे देखने को मिले। यह सूर्य ग्रहण साल का आखिरी ग्रहण था। गुरुवार को सूर्य ग्रहण सुबह 8.17 बजे से 10.57 बजे तक लगा। सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है।
भारत में सूर्य ग्रहण को लेकर धार्मिक मान्यताएं भी हैं। इस दिन श्रद्धालु विशेष तरह की पूजा-पाठ करते हैं। इसके अलावा हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोग सूर्य ग्रहण के दौरान खाना नहीं खाते हैं।राजधानी दिल्ली के बिरला मंदिर के द्वार को बुधवार रात सूर्य ग्रहण के चलते बंद कर दिया गया था। मंदिर के द्वार को बंद करने पहले वहां पर आरती भी की गई। मंदिर के दरवाजे को आज दोपहर 12 बजे के बाद खोले जाएंगे। जिसके बाद श्रद्धालू पूजा-पाठ कर सकेंगे।
इसके अलावा हजारों श्रद्धालू उत्तर प्रदेश के गंगा घाटों पर स्नान करने गए। सूर्य ग्रहण के दौरान श्रद्धालु गंगा में स्नान करने के बाद विशेष पूजा करते हैं। सूर्य ग्रहण आशिंक, पूर्ण, वलयाकार तीन तरह के होते हैं।
एएनआई के रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण के समय लोगों को सूर्य को सीधा बिना किसा बचाव के नहीं देखना चाहिए, इससे आखें खराब होने का खतरा रहता है। ग्रहण देखने के लिए सोलर फिल्टर वाले चश्मों का या टेलीस्कोप इस्तेमाल किया जा सकता है।
तमिलनाडु में सैकड़ों लोगों ने देखा सूर्य ग्रहण
तमिलनाडु में विभिन्न स्थानों पर सूर्य ग्रहण देखने को मिला और सैकड़ों लोगों ने यह नजारा देखा। धार्मिक मान्यता के कारण सूर्य ग्रहण के दौरान राज्य में कई मंदिर बंद रहे। चेन्नई, तिरुचिरापल्ली, उदगमंडलम और मदुरै समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण साफ दिखाई दिया।
हालांकि कोयंबटूर और इरोड से मिली खबरों के अनुसार वहां बादल छाए होने के कारण ग्रहण अच्छी तरह दिखाई नहीं दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों तथा उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं। इसके बावजूद प्रकृति के प्रति जिज्ञासु लोगों ने ग्रहण देखा।