अफसरशाही से तंग नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने किया इस्तीफा देने का ऐलान, कहा-गाड़ी और घर अच्छा नहीं मिला

By एस पी सिन्हा | Updated: July 1, 2021 19:50 IST2021-07-01T19:49:17+5:302021-07-01T19:50:31+5:30

मदन सहनी ने कहा कि उनके विभाग में अधिकारियों का राज चल रहा है और अब उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा. उन्होंने अपने विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद पर गंभीर आऱोप लगाये हैं. 

Social Welfare Minister Madan Sahni announced resignation Nitish government fed up with the bureaucracy | अफसरशाही से तंग नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने किया इस्तीफा देने का ऐलान, कहा-गाड़ी और घर अच्छा नहीं मिला

ट्रांसफर पोस्टिंग में मंत्री की नहीं सुनी जा रही है. प्रधान सचिव चार सालों से विभाग में जमे हैं. (file photo)

Highlightsसाहनी ने नौकरशाही से नाराजगी जाहिर करते हुए यहां तक कहा कि उन्हें गाड़ी और घर अच्छा नहीं मिला. वह लोगों को सेवा नहीं कर पा रहे हैं तो पद पर बने रहने का औचित्य नहीं है. वह नीतीश कुमार के साथ बने रहेंगे.

पटनाः बिहार की राजनीति में जारी हलचल के बीच नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने इस्तीफे की घोषणा कर हलचल मचा दी है.

मदन सहनी ने कहा कि उनके विभाग में अधिकारियों का राज चल रहा है और अब उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा. उन्होंने अपने विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद पर गंभीर आऱोप लगाये हैं. साहनी ने नौकरशाही से नाराजगी जाहिर करते हुए यहां तक कहा कि उन्हें गाड़ी और घर अच्छा नहीं मिला. उन्होंने कहा कि वह लोगों को सेवा नहीं कर पा रहे हैं तो पद पर बने रहने का औचित्य नहीं है.

छोटे जाति के मंत्रियों की कोई इज्जत नहीं

हालांकि, उन्होंने कहा कि वह नीतीश कुमार के साथ बने रहेंगे. साहनी ने कहा कि मैं नौकरशाही के विरोध में इस्तीफा दे रहा हूं. यदि अधिकारी मेरी बात नहीं सुनते तो लोगों के काम नहीं हो सकते हैं. यदि उनके काम नहीं हो रहे हैं तो मुझे इसकी (मंत्री पद) आवश्यकता नहीं है. उनका कहना है कि छोटे जाति के मंत्रियों की कोई इज्जत नहीं है और अब इस्तीफे के अलावा उनके पास कोई भी रास्ता नहीं बचा है.

प्रधान सचिव चार सालों से विभाग में जमे हैं

साथ ही उनका यह भी कहना है कि उनके विभाग में केवल अधिकारियों का राज चल रहा है और अब वे इस्तीफ़ा देने जा रहे हैं. मंत्री मदन सहनी ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने पूरे विभाग को चौपट कर दिया है. विभाग में कोई काम नहीं हो रहा है. ट्रांसफर पोस्टिंग में मंत्री की नहीं सुनी जा रही है. प्रधान सचिव चार सालों से विभाग में जमे हैं.

पूरा समाज कल्याण विभाग चौपट हो गया

प्रधान सचिव बतायें कि उन्होंने क्या किया? विभाग के कई अहम पदों पर सालों से एक ही अधिकारी जमे हुए हैं. उनके कारण सही तरीके से काम नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव मंत्री की बात ही नहीं सुनते. प्रधान सचिव के रवैये को लेकर उन्होंने उपर भी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गयी. पूरा समाज कल्याण विभाग चौपट हो गया है.

जिंदगी भर याद रखेंगे

इसलिए उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है. उन्होंने कहा कि अफसर के तानाशाही के खिलाफ हमलोग वर्षों से परेशानी झेल रहे हैं. यातनाएं झेल रहे हैं, ऐसी स्थिति में काम करना बर्दाश्त नहीं हो रहा है, इसलिए उन्होंने इस्तीफ़ा देने का मन बनाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस पद पर रह कर जब वे गरीबों की सेवा नहीं कर सकते हैं, कोई सुधार नहीं कर सकते हैं तो हम सिर्फ सुविधा भोगने के लिए आवास में रहे यह हमें मुनासिब नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो पहचान दिया है, उसको जिंदगी भर याद रखेंगे.

सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाया था

वे पार्टी से नहीं बल्कि मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे रहे हैं. वहीं, मदन सहनी के इस्तीफे की पेशकश के बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल शुरू हो गई है. इससे पहले ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने भी नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने मंत्रियों के ट्रांसफर पोस्टिंग में भाजपा के नेताओं द्वारा खूब पैसे बटोरने का गंभीर आरोप लगाया था

वहीं, जानकारों की मानें तो सारा मामला ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़ा है. जून के महीने में विभागों को अपने स्तर पर ट्रांसफर करने की छूट होती है. समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक मंत्री मदन सहनी ने नियमों को ताक पर रख कर ट्रांसफर करने की कवायद शुरू की थी. लेकिन प्रधान सचिव ने नियम विरुद्ध ट्रांसफर करने से इंकार कर दिया.

लड़ाई में विभाग में बडे़ पैमाने पर ट्रांसफर ही नहीं हो पाया

मंत्री और सचिव की लड़ाई में विभाग में बडे़ पैमाने पर ट्रांसफर ही नहीं हो पाया. समाज कल्याण विभाग के सूत्रों के मुताबिक मंत्री बडे़ पैमाने पर सीडीपीओ का ट्रांसफर करना चाहते थे. सरकार ने नियम बना रखा है कि तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद ही अधिकारियों का तबादला किया जाये.

लेकिन मंत्री कई ऐसे अधिकारियों का ट्रांसफर करना चाहते थे, जिनका तीन साल का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ था. वे खराब परफार्मेंस वाले सीडीपीओ को भी अहम जगह देने की कवायद में लगे थे. प्रधान सचिव ने मंत्री की सिफारिशों को मानने से इंकार कर दिया था. इसके बाद मंत्री ने इस्तीफे की पेशकश की है.

Web Title: Social Welfare Minister Madan Sahni announced resignation Nitish government fed up with the bureaucracy

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