इंफाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा के बाद हालात सामान्य होते नजर आ रहे हैं। हिंसा के कारण सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था और जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले ट्रकों की सीमा में एंट्री नहीं हो रही थी।
ऐसे में आम लोगों को काफी परेशानी का सामना कर पड़ रहा था। इस बीच, हालात सामान्य होने के कारण एक फिर से जीवन सामान्य हो रहा है और सीमा के भीतर सामानों को ले जाने वाले ट्रकों की एंट्री हो रही है।
भारतीय सेना और असम राइफल्स द्वारा इंफाल से और आवश्यक सामान ले जाने वाले वाहनों को सुरक्षा प्रदान कर रही है। सेना के जवान और असम राइफल्स कड़ी सुरक्षा के बीच सीमा में ट्रकों को दाखिल करा रहे हैं और इलाके में शांति बरकार रखने का प्रयास कर रहे हैं।
दरअसल, काफी समय से मणिपुर में चल रहे तनाव के दौरान, इंफाल घाटी को आपूर्ति बंद कर दी गई थी, क्योंकि सड़कें अवरुद्ध थीं और परिणामस्वरूप ट्रांसपोर्टरों में डर था। नतीजतन, मणिपुर में आवश्यक आपूर्ति की स्थिति घट रही थी और गंभीर स्तर पर पहुंचने लगी थी।
भारतीय सेना के अनुसार, चावल, चीनी, दाल और ईंधन ले जाने वाले ट्रकों, ईंधन टैंकरों और जेसीबी सहित 28 वाहनों का एक काफिला सीआरपीएफ और मणिपुर पुलिस के संरक्षण में नोनी से इंफाल तक चला।
15 मई को चावल, चीनी, दाल और ईंधन लेकर ट्रकों, ईंधन टैंकरों और जेसीबी सहित 28 वाहनों का एक काफिला सीआरपीएफ और मणिपुर पुलिस के संरक्षण में नोनी से इंफाल चला गया।
भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा, काफिले को सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए असम राइफल्स द्वारा क्षेत्र का रोगनिरोधी वर्चस्व प्रदान किया गया था, जो दोपहर तक सुरक्षित रूप से इंफाल पहुंच गया था। इसके साथ ही सेना से भरे वाहन भी इन वाहनों की सुरक्षा कर रहे हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर में शांति के साथ ही एनएच 27 पर 15 मई से ही वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है। 16 मई और 17 मई को कम से कम 100 वाहन चले और सुरक्षा बल सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सफल रहे।
अधिकारियों ने कहा, "लगभग 100 वाहनों को 16 और 17 मई को स्थानांतरित किया गया था। सुरक्षा बल सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और एनएच 37 पर वाहनों की आवाजाही की शुरुआत मणिपुर में सामान्य स्थिति की दिशा में एक और कदम है।"
इससे पहले बीते बुधवार को असम राइफल्स ने एलपीजी गैस सिलेंडर की आपूर्ति में नागरिकों की मदद की। असम राइफल्स की ओर से कहा गया कि सेकमई बॉटलिंग प्लांट, इंफाल पश्चिम जिले से 1,836 सिलेंडरों के संग्रह की व्यवस्था की और उन्हें चुराचांदपुर जिले में इंडेन गैस एजेंसी के पास तक वितरण के लिए पहुंचाया।
बता दें कि मणिपुर में भड़की हिंसा मणिपुर हाईकोर्ट के मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के बाद हालात थोडे सामान्य हुए हैं।
हालांकि, राज्य में अभी भी स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं है। ऐसे में सीमा में सामानों को ले जाने वाले ट्रकों को काफी डर है इसलिए सेना के जवानों ने मोर्चा संभालते हुए इन्हें सुरक्षा प्रदान करने का काम किया है।
असम राइफल्स ने हवाई निकासी अभियान में भारत-म्यांमार सीमा के पास राज्य में फंसे 96 लोगों को बचाया। असम राइफल्स कैंप में सभी 96 लोगों का पुनर्वास किया गया।
मणिपुर में हिंसा में 70 लोगों की मौत और 1,700 घरों के जल जाने के बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मणिपुर में हिंसा के दौरान करीब 71 लोगों की जान चली गई, जबकि 230 से अधिक घायल हो गए और करीब 1700 घरों को जला दिया गया।