भोपाल: एथेंस स्पेशल ओलिम्पिक-2011 में देश के लिए दो कांस्य पदक जीतने वाली सीता साहू को शासन के तरफ से अब तक दुकान और मकान नहीं मिला है। सीता ने बताया कि उसके ठेले को अतिक्रमण के तहत हटाया गया था और वादा किया था उसे दुकान और मकान दिया जाएगा, लेकिन अब तक उसे यह मिल नहीं पाया है। आपको बता दें कि सीता मंदबुद्धि दिव्यांग कोटे से पदक जीती थी जिससे उसकी बहुत वाहवाही हुई थी और पूरे देश को उस पर गर्व हुआ था। रीवा में सीता को लोग 'समोसे वाली ओलिम्पिक गर्ल' के नाम से जानते हैं। लेकिन आज इस लड़की अपनी रोजी रोटी के लिए मुहताज हो रही है।
क्या है पूरा मामला
सीता ने बताया कि करीब सात साल पहले नगर निगम की अतिक्रमण विरोधी मुहिम ने उसके समोसे के पुश्तैनी दुकान व ठेले को गिरा दिया था। इसके पीछा अस्पताल चौराहे पर जाम के लग जाने की बात कही गई थी। इसके बाद सीता के परिवार वालों ने शिल्पी प्लाजा ए ब्लॉक के पीछे अपना ठेला लगाया था जिसे भी शासन ने हटा दिया था। इन सब के बाद सीता के पास अब शादी विवाह में समोसे के आर्डर के सहारे अपना जीवन काटने के अलावा और कोई चारा नहीं था। आज सीता के पिता भी अब इस दुनिया में नहीं रहे और उनके सारे भाई और बहन की शादी हो गई है। अब वह और उसकी मां शादी-विवाह के समोसे के आर्डर से अपना पेट चलाती है।
क्या चाहती है सीता अब
सीता की मां किरण साहू का दावा है कि दुकान व ठेली हटा दिए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा पांच लाख रुपए दिए गए है पर घर और दुकान अभी तक नहीं मिला है जिसका प्रशासन ने उनसे वादा किया हुआ है। सीता अब यही चाहती है कि सरकार वादे के अनुसार उसे घर और दुकान दे ताकि वह अपनी और अपने मां का पेट चला सके। आपको बता दें कि ग्रीस शहर में 18 दिन तक चले ओलिम्पिक-2011 में सीता ने 100 मीटर और 1600 मीटर की दौड़ में तीसरे स्थान पर रही थी। इसके लिए इन्हें कांस्य पदक भी मिला था।