शुक्ला ने विधायकों को भाजपा के पाले में ले जाने का प्रयास किया : मंत्री ने लगाया आरोप

By भाषा | Updated: March 26, 2021 20:12 IST2021-03-26T20:12:51+5:302021-03-26T20:12:51+5:30

Shukla attempts to take MLAs to BJP's court: Minister accuses | शुक्ला ने विधायकों को भाजपा के पाले में ले जाने का प्रयास किया : मंत्री ने लगाया आरोप

शुक्ला ने विधायकों को भाजपा के पाले में ले जाने का प्रयास किया : मंत्री ने लगाया आरोप

मुंबई, 26 मार्च महाराष्ट्र के मंत्री और राकांपा नेता हसन मुशरिफ ने शुक्रवार को आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला पर आरोप लगाया कि 2019 विधानसभा चुनावों के बाद उन्होंने निर्दलीय विधायकों को भाजपा के समर्थन में जाने के एवज में ‘करोड़ों रुपये’ देने की पेशकश की थी।

मुशरिफ ने जहां शुक्ला के खिलाफ जांच की मांग की है वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी ऐसे ही आरोप लगाते हुए सवाल किया है कि राज्य सरकार ऐसे अधिकारियों के साथ नरमी से क्यों पेश का रही है।

शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री मुशरिफ ने आरोप लगाया कि शुक्ला चुनाव की घोषणा होने के दिन 24 अक्टूबर, 2019 से लेकर 24 नवंबर, 2019 गठबंधन सरकार बनने से कुछ दिन पहले तक निर्दलीय विधायकों के संपर्क में थीं।

राकांपा नेता और सरकार के एक अन्य मंत्री जितेन्द्र अवहाद और निर्दलीय विधायक तथा मंत्री राजेन्द्र पाटिल याद्रावकर ने शुक्ला पर आरोप लगाया है कि उन्होंने चुनाव के बाद भाजपा की ओर से विधायकों से संपर्क किया था। शुक्ला फिलहाल फोन टैपिंग विवाद के केन्द्र में हैं।

आईपीएस अधिकारी ने अभी तक आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने के कारण चुनाव के बाद भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं था।

मुशरिफ ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जन स्वास्थ्य राज्य मंत्री राजेन्द्र पाटिल याद्रावकर को ऐसा फोन आया था... भाजपा का सर्मथन करने के लिए शुक्ला निर्दलीय विधायकों को करोड़ों रुपये की पेशकश कर रही थीं। वह भाजपा को सत्ता में बनाए रखने का प्रयास कर रही थीं।’’

उन्होंने कहा कि ऐसी बात में किसी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी का शामिल होना गंभीर मुद्दा है।

राकांपा नेता ने कहा, ‘‘इसलिए, मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि फोन टैपिंग के अलावा इन निर्दलीय विधायकों को फोन करने के मामले की भी जांच होनी चाहिए और उनके कॉल डिटेल की जांच करने के बाद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।’’

इस सप्ताह की शुरुआत में भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्ला द्वारा राज्य के तत्कालीन खुफिया आयुक्त और पुलिस प्रमुख को पत्र लिखकर पुलिस तबादले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था और कुछ ‘इंटरसेप्टेड कॉल’ की जानकारी भी दी थी।

मुशरिफ ने फडणवीस के आरोपों को ‘खोखला’ बताया है।

राकांपा नेता ने कहा, ‘‘फडणवीस को महाराष्ट्र की बदनामी करने के लिए लोगों से माफी मांगनी चाहिए। मुझे संदेह है कि यह सब कुछ उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोट सामग्री मिलने की घटना और उद्योगपति मनसुख हिरन की मौत के मामले की जांच से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा नेता को सत्ता में वापसी का अपना सपना भुला देना चाहिए क्योंकि एमवीए गठबंधन बहुत मजबूत है।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने आज दिन में पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया था कि 2019 विधानसभा चुनाव के बाद शुक्ला ने निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायकों को भाजपा का साथ देने के लिए प्रभावित करने का प्रयास किया था।

उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि उद्धव ठाकरे नीत सरकार बनने के बाद भी वह पांच-छह महीने तक अपने पद पर बनी रही थीं।

राउत ने कहा, ‘‘ऐसे तीन-चार अधिकारी हमारी नजर में आए हैं। (राकांपा प्रमुख) शरद पवार ने भी यह देखा है। पवार का भी ऐसा ही विचार है कि ऐसे अधिकारियों को पास में नहीं रखना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि अगर शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई की गई होती तो फडणवीस को पुलिस तबादले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने का मौका नहीं मिलता।

राउत ने दावा किया कि जब शिवसेना और राकांपा सरकार बनाने की प्रक्रिया में थे उस दौरान उनका और पवार का फोन भी टैप किया गया था।

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उन्हें पता है कि ‘‘केन्द्र सभी के फोन टैप कराता है।

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Web Title: Shukla attempts to take MLAs to BJP's court: Minister accuses

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