सिर्फ दिव्यांगों को शिक्षण देने वाले विशेष शिक्षकों की कमी: न्यायालय

By भाषा | Updated: October 28, 2021 19:32 IST2021-10-28T19:32:06+5:302021-10-28T19:32:06+5:30

Shortage of special teachers teaching only for the disabled: Court | सिर्फ दिव्यांगों को शिक्षण देने वाले विशेष शिक्षकों की कमी: न्यायालय

सिर्फ दिव्यांगों को शिक्षण देने वाले विशेष शिक्षकों की कमी: न्यायालय

नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि पुनर्वास पेशेवरों या विशेष शिक्षकों की ‘कमी’ है जो अकेले दिव्यांग लोगों या विशेष जरूरत वाले बच्चों (सीडब्ल्यूएसएन) को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर सकते हैं और भारतीय पुनर्वास परिषद से पंजीकृत हैं।

शीर्ष अदालत ने इस बात पर संज्ञान लिया कि इस असमानता पर राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को ध्यान देना होगा। उसने कहा कि 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार देश में दिव्यांगों की संख्या कुल आबादी का लगभग 2.21 प्रतिशत है।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा कि इस समय भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) में केवल 1,20,781 विशेष शिक्षक पंजीकृत हैं।

पीठ ने 100 पन्नों के अपने फैसले में यह टिप्पणी की जो बीएड (स्पेशल) और डीएड (स्पेशल) की डिग्री या डिप्लोमा रखने वाले शिक्षकों की वकालत करने वाली याचिकाओं पर सुनाया गया।

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Web Title: Shortage of special teachers teaching only for the disabled: Court

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