'पार्टी दरी बिछाने का काम देगी तो भी मैं करूंगा', संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने पर शिवराज सिंह चौहान ने दी पहली प्रतिक्रिया
By शिवेंद्र राय | Published: August 20, 2022 05:45 PM2022-08-20T17:45:54+5:302022-08-20T17:47:45+5:30
भाजपा ने बीते 17 अगस्त को अपने संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया था। इसमें शिवराज सिंह चौहान को बाहर कर दलित नेता सत्यनारायण जटिया को संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति में शामिल किया गया था। शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी भाजपा के संसदीय बोर्ड से बाहर हो गए हैं।
भोपाल: भारतीय जनता पार्टी की सबसे ताकतवर समिति संसदीय बोर्ड से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बाहर हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शिवराज चौहान की जगह मध्यप्रदेश से सत्यनारायण जटिया को संसदीय बोर्ड में जगह दी है। शिवराज के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी अब संसदीय बोर्ड का हिस्सा नहीं होंगें।
संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे बिल्कुल भी अहम नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। पार्टी मुझे दरी बिछाने का काम देगी तो राष्ट्र हित में यह भी करूंगा। शिवाराज सिंह चौहान मीडिया समूह इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। इसी दौरान उन्होंने संसदीय समिति से हटाए जाने के सवाल पर प्रतिक्रिया दी।
कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "राजनीति में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं होना चाहिए। बीजेपी एक विशाल परिवार है। केंद्रीय स्तर पर एक टीम होती है, जो यह तय करती है कि किसे, क्या काम करना है। जैसे हम प्रदेश में तय करते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड में जिन्हें शामिल किया है, वे सभी योग्य हैं। इसमें पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण को ध्यान में रखा गया है। पार्टी कहेगी कि जैत (शिवराज सिंह चौहान का गांव) में रहो तो वहां रहूंगा। पार्टी कहेगी कि भोपाल में रहो तो भोपाल में रहूंगा।"
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वह कभी विधायक या मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने आगे कहा, "अगर आपने यह सोचा कि मैं कहां हूं, तो आप उस मिशन का हिस्सा नहीं, आप स्वार्थी हैं। अपने बारे में नहीं देश के बारे में सोचिए, आपके बारे में पार्टी सोचेगी।"
बता दें कि शिवराज सिंह चौहान नौ साल भाजपा की संसदीय समिति का हिस्सा रहे। भाजपा ने बीते 17 अगस्त को अपने संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन किया था।
इसमें किसी भी मौजूदा मुख्यमंत्री को जगह नहीं मिली है। संघ के करीबी माने जाने वाले दलित नेता सत्यनारायण जटिया मध्यप्रदेश से भाजपा के संसदीय बोर्ड का हिस्सा होंगे। उज्जैन से सात बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया दलित समुदाय से आते हैं। मध्य प्रदेश की 84 विधानसभा सीटों पर दलित वोटरों का अच्छा प्रभाव है।