समाजवादी पार्टी से अलग होकर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा गठित करने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आज कहा कि उनकी पार्टी का चुनाव आयोग में पंजीयन हो गया है और उसे ‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया’ नाम मिला है।
शिवपाल ने यहां आयोजित मोर्चा के एक कार्यक्रम में कहा ‘‘हमारी पार्टी का रजिस्ट्रेशन हो गया है। अब हमारी पार्टी का नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया होगा।’’
जसवंतनगर सीट से अब भी सपा के विधायक शिवपाल ने सपा से अलग होने के कारणों का जिक्र करते हुए किसी का नाम लिये बगैर कहा कि वह हमेशा सपा में एकजुटता चाहते थे, लेकिन कुछ ‘चुगलखोरों और चापलूसों’ की वजह से उन्हें मजबूरन पार्टी से किनारा करना पड़ा।
उन्होंने कहा ‘‘हम तो हमेशा से परिवार और पार्टी में एकता चाहते थे। हमने लम्बे समय तक इंतजार किया लेकिन ना तो मुझे और ना ही नेताजी (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव) को उचित सम्मान मिला। हमें तो धकेल कर निकाल दिया गया।‘‘
शिवपाल ने अपने समर्थकों से कहा ‘‘मैं आप सबसे कहता हूं कि चापलूसी ना करें। अगर कहीं कुछ गलत हो रहा है तो उसके बारे में बताने के लिये आप स्वतंत्र हैं। मैं अपनी पार्टी को यह आजादी दूंगा।‘‘
मालूम हो कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सपा अध्यक्ष बनने के बाद हाशिये पर पहुंचे शिवपाल ने ‘उपेक्षा’ से नाराज होकर पिछली 29 अगस्त को समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का गठन किया था। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का एलान किया था।
लखनऊ छावनी विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर पिछला चुनाव लड़ चुकी मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने पिछले दिनों शिवपाल के साथ मंच साझा करते हुए कहा था कि वह ‘चाचा‘ के साथ हैं।
व्यापक जनसमर्थन मिलने का दावा करने वाले शिवपाल ने कहा कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश, दोनों ही जगह जनविरोधी सरकार है। उनकी गलत नीतियों और फैसलों से जनता परेशान है। नोटबंदी और जीएसटी ने व्यापारियों के साथ-साथ पूरी अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने जनता से किये गये वादे पूरे नहीं किये हैं। अवाम उसे चुनाव में जवाब देगी। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ला ने शिवपाल का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी पार्टी आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में बड़ी सियासी ताकत बनेगी।