लखनऊः समाजवादी पार्टी के विधायक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार किया है। शिवपाल सिंह ने कहा कि अखिलेश को मुझसे इतनी नफरत क्यों हैं। आखिर वह चाहते क्या हैं।
शिवपाल यादव के भाजपा में शामिल होने की खबर पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मैनपुरी में कहा कि अगर हमारे चाचा को भाजपा लेना चाहती है तो देर क्यों कर रही है? भाजपा के लोग देर किस बात की कर रहे हैं। मुझे चाचा जी से कोई नाराज़गी नहीं है लेकिन भाजपा बता सकती है कि वे क्यों खुश हैं।
अखिलेश के बयान के बारे में पूछे जाने पर शिवपाल ने इटावा में कहा, 'यह गैर जिम्मेदाराना बयान है । यह 'नादानी' भरा है।' उन्होंने कहा, मैं सपा के 111 विधायकों में से हूं। अगर वह मुझे भाजपा में भेजना चाहते हैं, तो उन्हें मुझे (विधायक के रूप में पार्टी से) बर्खास्त कर देना चाहिए।"
भविष्य की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर शिवपाल ने कहा, "अगर कुछ होगा तो हम आपको (मीडिया को) सही समय पर अवगत कराएंगे।" सपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा जेल में बंद विधायक आजम खान के साथ है और आश्चर्य है कि जो अब खुद को जेल में बंद विधायक के हितैषी के रूप में दिखा रहे हैं, वे लोग उस समय कहां थे जब भाजपा और कांग्रेस उनके खिलाफ राजनीति से प्रेरित मामले दर्ज कर रहे थें। अखिलेश ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "अच्छा है, उन्हें उन्हें जल्द ले जाना चाहिए।
अगर भाजपा चाचा को लेना चाहती है, तो देर क्यों कर रही हैं? आप खुद सोचें, भाजपा के लोग देरी क्यों कर रहे हैं..आपको सोचना चाहिए कि इसके पीछे क्या कारण हो सकता है।" पत्रकारों ने उनसे चाचा शिवपाल की नाराजगी की खबरों के बारे में पूछा था। अपने चाचा से नाराजगी का कारण पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा, ‘‘मेरी कोई नाराजगी नहीं है, लेकिन भाजपा को बताना चाहिए कि वह खुश क्यों है?’’
शिवपाल ने जसवंतनगर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। बसपा के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा, 'बसपा ने उत्तर प्रदेश चुनाव में अपना वोट भाजपा को हस्तांतरित कर दिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा मायावती को राष्ट्रपति बनाती है या नहीं।'
पार्टी विधायक आजम खां से जेल में नेताओं की मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा, 'सपा पहले दिन से उनके साथ है,आज सवाल पूछने वालों को बताना चाहिए कि जब भाजपा और कांग्रेस उनके खिलाफ मामले दर्ज कर रही थीं तो वे कहां थे?'
शिवपाल, जिन्होंने सपा के साइकिल चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था, इस मामले पर खुद को थोड़ा अलग थलग महसूस किया और वह मुख्य विपक्षी दल सपा से दूर होते गये और भाजपा से उनकी नजदीकियां बढ़ती दिखाई दे रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने और ट्विटर पर उन्हें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फॉलो करने के बाद भाजपा में उनके जाने की अटकलें तेज हो गईं।