शिवसेना एमएलसी चुनाव में नवाब मलिक और अनिल देशमुख की वोटिंग पर लगी रोक से हुई खफा, बोली- "भाजपा राजनीतिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकती है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: June 20, 2022 15:13 IST2022-06-20T15:09:39+5:302022-06-20T15:13:44+5:30

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में आरोप लगाया है कि भाजपा राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के लिए जिस तरह से अपने विधायकों मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप को स्ट्रेचर पर ले गई थी, ठीक उसी तरह से जेल में बंद एनसीपी विधायकों को भी वोटिंग की इजाजत दी जानी चाहिए थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा अपने राजनीतिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकती है।

Shiv Sena is upset with the ban on voting of Nawab Malik and Anil Deshmukh in the MLC elections, said- "BJP can stoop to any level to achieve political goal" | शिवसेना एमएलसी चुनाव में नवाब मलिक और अनिल देशमुख की वोटिंग पर लगी रोक से हुई खफा, बोली- "भाजपा राजनीतिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकती है"

फाइल फोटो

Highlightsशिवसेना ने अपने मुखपत्र 'समाना' में एमएलसी चुनाव को लेकर मोदी सरकार पर किया हमला एनसीपी के दोनों विधायकों नवाब मलिक और अनिल देशमुख को वोटिंग से रोकना गुनाह है भाजपा ईडी के जरिए दो निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों का गला घोंटने का प्रयास कर रही है।

मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच चल रही राजनीतिक प्रतिद्वंदिता चुनावी दौर में खुलकर सामने आ जाती है। बीते राज्यसभा चुनाव में जिस तरह से भाजपा और शिवसेना एक दूसरे पर हमलावर थीं ठीक वैसा ही मंजर सोमवार को उस समय दिखाई दिया जब शिवसेना ने राज्य विधान परिषद के चुनाव में भाजपा पर राजनीतिक पक्षपात का आरोप लगाया।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'समाना' में केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर होते हुए उन्हें इस बात के लिए कटघरे में खड़ा किया कि वो जेल में बंद एनसीपी विधायकों नवाब मलिक और अनिल देशमुख को राज्य विधान परिषद चुनाव में वोट नहीं देकर दो निर्वाचित प्रतिनिधियों के अधिकारों का गला घोंटने का प्रयास कर रही है।

शिवसेना का दावा है कि भाजपा सत्ता पाने के लिए चुनावों में अपना दोहरा चरित्र बखूबी उजागर करती है। उसका आरोप है कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने वोटिंग के लिए गंभीर बीमारियों से जूझ रहे दो भाजपा विधायकों को सदन में एंबुलेंस से ले गई, वहीं विपक्षी सदस्यों को वो किसी भी तरह की छूट देने के सखत खिलाफ रहती है।

इस महीने की शुरुआत में शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे एक संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि सत्ता पर कब्जे के लिए भाजपा "भेदभाव की राजनीति" पर जोर देती है। एनसीपी के दोनों विधायक मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के कारण फिलहाल मुंबई के जेलों में बंद हैं। बीते शुक्रवार को विधान परिषद चुनाव में वोटिंग के लिए दोनों विधायकों ने अलग-अलग याचिका दायर करके बॉम्बे हाईकोर्ट से इजजात मांगी थी लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

मालूम हो कि महाराष्ट्र विधान परिषद की 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव के लिए सोमवार को वोटिंग होनी है। इस चुनाव में सत्ताधारी शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने दो-दो उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि भाजपा ने कुल पांच उम्मीदवारों को टिकट दिया है।

एनसीपी के दोनों वरिष्ठ विधायकों के मामले में शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में कहा गया है कि अनिल देशमुख और नवाब मलिक की विधानसभा सदस्यता अभी भी बरकरार है और जैसे राज्यसभा चुनाव में बीमार भाजपा विधायकों को वोटिंग के लिए लाया गया था, ठीक उसी तरह उन्हें भी आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था के साथ मतदान के लिए एक घंटे के लिए लाया जा सकता था। लेकिन केंद्रीय एजेंसियों ने एनसीपी विधायकों के वोटिंग राइट के खिलाफ कोर्ट में अपनी दलील रखी और कोर्ट ने एजेंसी की दलील के आधार पर दोनों को वोटिंग की इजाजत देने से मना कर दिया 

'सामना' के संपादकीय में कहा गया है, "एनसीपी के दोनों विधायकों को वोटिंग का अधिकार देना, उनके निर्वाचित प्रतिनिधी अधिकारों को कुचलने जैसा है। भाजपा ऐसे ही भेदभाव की राजनीति करती है।" इसके साथ ही शिवसेना ने प्रवर्तन निदेशालयके द्वारा कोर्ट में दोनों विधायकों की याचिकाओं के विरोध करने भी कड़ा प्रतिवाद करते हुए सामना में लिखा कि "केंद्रीय एजेंसी सर्वोच्च न्यायालय नहीं है।"

शिवसेना का आरोप है कि भाजपा विधायकों मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप को स्ट्रेचर पर लाया गया राज्यसभा में वोट देने के लिए लेकिन एनसीपी विधायकों के लिए वोटिंग की इजाजत नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा अपने राजनीतिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकती है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: Shiv Sena is upset with the ban on voting of Nawab Malik and Anil Deshmukh in the MLC elections, said- "BJP can stoop to any level to achieve political goal"

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