जेएनयू की पूर्व छात्रसंघ नेता और सामाजिक कार्यकर्ता शेहला राशिद ने चुनाव राजनीति से खुद को अलग कर लिया है। राज्य में बीडीसी चुनाव की घोषणा किए जाने के बाद उन्होंने यह ऐलान किया है। शेहला ने कहा कि कश्मीरी लोगों के साथ अच्छा बर्ताव नहीं हो रहा। ऐसे में सरकार दुनिया में यह दिखाना चाहती है कि कश्मीर में लोकतंत्र जिंदा है।
शेहला ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'कश्मीर में प्रतिबंध हटाने के लिए भारत पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव है। ऐसे में सरकार चुनाव कराकर यह दिखाना चाहती है कि अभी भी लोकतंत्र जिंदा है। हालांकि जो चल रहा है वो लोकतंत्र नहीं है बल्कि लोकतंत्र की हत्या है। यह कठपुतली नेताओं को स्थापित करने की योजना है।'
शेहला ने लिखा कि इंसाफ की लड़ाई सच बोलने से ज्यादा भी कुछ मांगती है। मुझ पर सच बोलने के लिए देशद्रोह का आरोप लगा। लेकिन यह मुझे सच बोलने से विचलित नहीं कर सकता। जहां जरूरत होगी मैं अपनी आवाज बुलंद करती रहूंगी।
गौरतलब है कि शेहला राशिद के खिलाफ जम्मू कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में उनके बयान को लेकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।