कुष्ठ रोगियों के लिए आनंदवन संस्था चलाने वाले डॉक्टर बाबा आमटे की पोती डॉक्टर शीतल की आत्महत्या से हर कोई स्तब्ध है। उन्होंने सोमवार को चंद्रपुर में अपने घर में आत्महत्या कर ली थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक शीतल ने जहर का इंजेक्शन लगाकर जान दे दी। वे पिछले कई सालों से अपने पति और परिवार के साथ मिलकर कुष्ठ रोगियों की सेवा कर रही थीं। उनकी आत्महत्या के बाद कई तरह के सवाल पैदा हो गए हैं। मामले की छानबीन पुलिस कर रही है। जांच के बाद ही शीतल आमटे की आत्महत्या के कारणों से पर्दा उठ सकेगा।
आइये आपको बताते हैं शीतल आमटे के जीवन से जुड़े यादगार लम्हों के बारे में
डॉ शीतल का जन्म 1981 में महाराष्ट्र के वरोरा में हुआ था। आमटे पेशे से डॉक्टर थीं। इसके साथ ही वो एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थीं। उन्होंने 2004 में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, नागपुर से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। 2016 में, कुष्ठ सेवा समिति की नई कार्यकारी समिति की घोषणा की गई तो इसमें शीतल आमटे करजगी और उनके पति गौतम करजगी को जगह दी गई। तब से, वह कुष्ठ सेवा समिति की सीईओ थीं। उनके पति गौतम-करजगी को आंतरिक प्रबंधक की जिम्मेदारी दी गई थी। शीतल के पिता विकास आमटे संस्था के सचिव हैं।
उन्होंने आनंद महिंद्रा स्कूलों में बच्चों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए टेक महिंद्रा फाउंडेशन की वित्तीय सहायता को सुरक्षित करने में मदद की। उन्होंने समुदाय पर सौर ऊर्जा पैनलों की स्थापना का भी नेतृत्व किया। जिसके लिए महारोगी सेवा समिति को एसोसिएशन ऑफ एनर्जी इंजीनियर्स से वर्ष 2016 के अभिनव ऊर्जा परियोजना के लिए एक पुरस्कार भी मिला। 2016 में, उन्हें वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा यंग ग्लोबल लीडर नामित किया गया था। उन्हें संयुक्त राष्ट्र के इनोवेशन एंबेसडर और i4P (इनोवेशन फॉर पीस) के सलाहकार के रूप में भी चुना गया था।
कुछ कहना चाहती थीं डॉ शीतल
महारोगी सेवा समिति के प्रबंधन को लेकर शीतल आमटे ने सोशल मीडिया पर कई आरोप लगाए थे। उन्होंने 20 नवंबर, 2020 को एक फ़ेसबुक लाइव में कुष्ठ सेवा समिति और ट्रस्टियों के कार्यों पर कुछ आपत्तियां की थीं। इस लाइव में, उन्होंने चाचा डॉक्टर प्रकाश आमटे और उनके परिवार पर भी आरोप लगाए थे। मगर आधे घंटे के बाद शीतल ने उस लाइव पोस्ट को हटा दिया। इसके बाद बाबा आमटे के बेटों विकास और प्रकाश आमटे तथा उनकी पत्नियों भारती व मंदाकिनी ने हाल ही में स्पष्टीकरण जारी किया था।
आमटे परिवार की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया था कि 'शीतल गौतम कराजगी मानसिक तनाव और डिप्रेशन से गुजर रही हैं और उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए महारोगी सेवा समिति के काम, ट्रस्टियों और इसके कर्मचारियों के बारे में गैर-वाजिब बयान दिए हैं'। "उनके सारे बयान बेबुनियाद हैं। आमटे परिवार आपस में चर्चा के बाद ये बयान जारी कर रहा है ताकि शीतल के आरोपों से किसी तरह की गलतफहमी पैदा ना हो।"
इस बयान के बाद शीतल आमटे ने कहा था - "मेरे पति गौतम करजगी और मैं स्वर्गीय बाबा आमटे का काम जारी रख रहे हैं। हम जल्द ही एक बयान जारी करके अपनी स्थिति की घोषणा करेंगे।" वो क्या बयान जारी करना चाहती थीं। उनकी मौत के बाद अब यह एक रहस्य बनकर रह गया है।