बीजेपी के आरोपों पर शशि थरूर का पलटवार, कहा- मुझे इतिहास सिखाने की जरूरत नहीं
By शिवेंद्र राय | Published: February 6, 2023 01:56 PM2023-02-06T13:56:56+5:302023-02-06T13:59:02+5:30
परवेज मुशर्रफ को कारगिल युद्ध का सूत्रधार माना जाता है। संयुक्त अरब अमीरात में स्व-निर्वासन के दौरान बीमारी से जूझते हुए मुशर्रफ का निधन हो गया था। वह 79 वर्ष के थे। मुशर्रफ के निधन के बाद थरूर के ट्वीट पर विवाद हुआ था।

कांग्रेस नेता शशि थरूर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के निधन के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक ट्वीट किया था जिस पर खूब विवाद हुआ था। मुशर्रफ के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए थरूर ने उन्हें 'शांति की वास्तविक ताकत' बताया था। थरूर के ट्वीट के बाद भाजपा उन पर हमलावर हुई थी और कहा था कि कांग्रेस और उसके नेताओं का रवैया हमेशा ही पाक हितैसी रहता है।
शशि थरूर के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी नाराजगी जताई थी। अब भाजपा नेताओं के हमले पर थरूर ने पलटवार किया है। एक टीवी कार्यक्रम के दौरान थरूर ने कहा कि मुझे इतिहास सिखाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे कहा, "जब किसी का देहांत होता है तो हम उसकी बुरी और अच्छी सारी चीज़े याद रखते हैं। इसे विवाद बनाना यह दर्शाता है कि बीजेपी के पास कोई और मुद्दा नहीं है।"
इसके अलावा थरूर ने ट्वीट करके कहा, "बीजेपी सरकार ने करगिल युद्ध के 4 साल बाद पाकिस्तान के साथ शांति बहाल के लिए बातचीत की थी। 2004 में वाजपेयी-मुशर्रफ ने हाथ मिलाकर एक संयुक्त बयान भी जारी किया। क्या तब मुशर्रफ शांति के लिए विश्वसनिय सहयोगी थे?"
Question to BJP leaders frothing at the mouth: if Musharraf was anathema to all patriotic Indians, why did the BJP Government negotiate a ceasefire with him in 2003 & sign the joint Vajpayee-Musharraf statement of 2004? Was he not seen as a credible peace partner then?
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 6, 2023
बता दें कि परवेज मुशर्रफ को कारगिल युद्ध का सूत्रधार माना जाता है। दिल्ली में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे मुशर्रफ 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए थे। उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात में स्व-निर्वासन के दौरान बीमारी से जूझते हुए अपने अंतिम वर्ष बिताए। लंबी बीमारी के बाद रविवार को मुशर्रफ का खाड़ी देश में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे।
कारगिल में हार के बाद मुशर्रफ ने 1999 में रक्तहीन तख्तापलट में तत्कालीन प्रधानमंत्री शरीफ को अपदस्थ कर दिया और 1999 से 2008 तक विभिन्न पदों पर पाकिस्तान पर शासन किया। मुर्शरफ ने शुरुआत में पाकिस्तान के मुख्य कार्यकारी के रूप में और बाद में राष्ट्रपति के रूप में शासन किया। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते 2008 में चुनावों की घोषणा करने वाले मुशर्रफ को चुनाव बाद राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा और वह दुबई में स्व-निर्वासन में चले गए।