लाइव न्यूज़ :

शशांक द्विवेदी का ब्लॉग: देश को रामानुजन जैसे गणितज्ञों की जरूरत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 22, 2020 12:41 IST

भारत की धरती पर जन्म लेने वाले आर्यभट्ट ने ही दुनिया को दशमलव का महत्व समझाया लेकिन मौजूदा समय में विश्व में गणित के मामलों में भारत काफी निचले पायदान पर पहुंच गया है.

Open in App

आज पूरे विश्व में जब भी गणित की या गणित में योगदान की बात की जाती है तो श्रीनिवास रामानुजन का नाम प्रमुखता से लिया जाता है. विश्व स्तर पर गणित के क्षेत्न में उनका योगदान अनुकरणीय है. गरीबी, सीमित संसाधनों और सरकारी लालफीताशाही के बावजूद उन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा से दुनिया को चमत्कृत कर दिया. उन्होंने गणित के क्षेत्न में जो कार्य किए हैं, वह देश के युवाओं के लिए सदा प्रेरणा के रूप में मौजूद रहेगा. प्राचीन समय से भारत गणितज्ञों की सरजमीं रहा है. भारत में आर्यभट्ट, भास्कर, भास्कर-द्वितीय और माधव सहित दुनिया के कई मशहूर गणितज्ञ पैदा हुए. उन्नीसवीं शताब्दी और उसके बाद में श्रीनिवास रामानुजन, चंद्रशेखर सुब्रमण्यम और हरीश चंद्र जैसे गणितज्ञ विश्व पटल पर उभरकर सामने आए.

भारत की धरती पर जन्म लेने वाले आर्यभट्ट ने ही दुनिया को दशमलव का महत्व समझाया लेकिन मौजूदा समय में विश्व में गणित के मामलों में भारत काफी निचले पायदान पर पहुंच गया है. श्रीनिवास रामानुजन के जीवन चरित्न से हमारी शिक्षा व्यवस्था का खोखलापन भी उजागर होता है. 13 वर्ष की अल्पायु में रामानुजन ने अपनी गणितीय विश्लेषण की असाधारण प्रतिभा से अपने संपर्क के लोगों को चमत्कृत कर दिया मगर भारतीय शिक्षा व्यवस्था ने उन्हें असफल घोषित कर बाहर का रास्ता दिखा दिया था. रामानुजन की पारिवारिक पृष्ठभूमि गणित की नहीं थी.

परिवार में कोई उनका मददगार भी नहीं था. ऐसे में अपनी क्षमता को दुनिया के सामने लाने हेतु रामानुजन को अत्यधिक श्रम करना पड़ा था. गणित के क्षेत्न में सितारे की तरह चमकने वाले श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के इरोड में हुआ था. सन 1897 में रामानुजन ने प्राथमिक परीक्षा में जिले में अव्वल स्थान हासिल किया. इसके बाद अपर प्राइमरी की परीक्षा में अंकगणित में सर्वोच्च अंक प्राप्त कर अपने अध्यापकों को चौंका दिया. सन 1903 में रामानुजन ने दसवीं की परीक्षा पास की. इसी साल उन्होंने घन और चतुर्घात समीकरण हल करने का सूत्न खोज निकाला. समय के साथ-साथ रामानुजन का गणित के प्रति रुझान बढ़ता ही गया. फलस्वरूप 12वीं की परीक्षा में गणित को छोड़कर वह अन्य सभी विषयों में फेल हो गए. दिसंबर 1906 में रामानुजन ने स्वतंत्न परीक्षार्थी के रूप में 12वीं की परीक्षा पास करने की कोशिश की लेकिन कामयाब न हो सके. इसके बाद रामानुजन ने पढ़ाई छोड़ दी. बिना डिग्री लिए ही रामानुजन को औपचारिक अध्ययन छोड़ना पड़ा. लेकिन उनके कार्यो और योग्यता को देखते हुए ब्रिटेन ने उन्हें बीए की मानद उपाधि दी और बाद में उन्हें पीएचडी की भी उपाधि दी. 

रामानुजन का निधन 33 वर्ष की अल्पायु में 26 अप्रैल 1920 को कावेरी नदी के तट पर स्थित कोडुमंडी गांव में हो गया. फिर भी उन्होंने इतनी कम उम्र में भी गणित के क्षेत्न में बड़ा काम किया है. रामानुजन की गणितीय प्रतिभा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके निधन को सौ वर्ष बीत जाने के बाद भी उनकी बहुत सी प्रमेय अनसुलझी बनी हुई हैं. उनकी इस विलक्षण प्रतिभा के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए भारत सरकार ने प्रत्येक वर्ष उनके जन्म दिवस 22 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है. इसका उद्देश्य गणित के विकास को प्रोत्साहित करने हेतु हर संभव प्रयास करना है.

हमारे देश में यहां विश्वस्तरीय गणितज्ञों की काफी कमी है. देश में छात्न उच्चस्तरीय गणित के अध्ययन में बहुत कम ही रुचि दिखाते हैं, फलस्वरूप यहां गणित का गुणवत्तापूर्ण और समुचित विकास नहीं हो पा रहा है जबकि आज देश को बड़ी संख्या में गणितज्ञों की जरूरत है. इसके लिए हमें विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और मूल्यांकन पद्धति में सुधार लाना होगा, प्रतिभाशाली छात्नों को प्रोत्साहित करना होगा, उन्हें संसाधन उपलब्ध कराने होंगे ताकि उन्हें रामानुजन की तरह कठिनाइयों का सामना न करना पड़े और वे शोध में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें. देश एक बार फिर से गणित के क्षेत्न में दुनिया का सिरमौर बने, इसके लिए युवा अथक प्रयास करेंसिर्फ यही रामानुजन को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

Open in App

संबंधित खबरें

भारतस्टार पहलवान विनेश फोगट ने संन्यास का फैसला पलटा, 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक्स में मेडल जीतने का लक्ष्य

विश्वपाकिस्तान के लिए बड़ी शर्मिंदगी ! पीएम शरीफ 40 मिनट तक इंतज़ार करने के बाद पुतिन-एर्दोगन मीटिंग में घुसे, VIDEO

क्रिकेट"मैं बिहार से हूँ": यूएई के खिलाड़ियों की स्लेजिंग पर वैभव सूर्यवंशी का ज़बरदस्त जवाब

भारतकेंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी होंगे यूपी भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के शनिवार को लखनऊ में करेंगे ऐलान

क्रिकेटसूर्यवंशी की रिकॉर्डतोड़ पारी, भारत ने अंडर-19 एशिया कप में यूएई को 234 रन से हराया

भारत अधिक खबरें

भारतदेशभर में 2027 में पहली डिजिटल जनगणना, 11,718 करोड़ रुपये होंगे खर्च,केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव बोले-जाति आधारित गणना शामिल

भारतआखिर क्यों नगर निगम चुनाव में कर रहे गठजोड़?, अमित शाह से मिलने के बाद महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण बोले-अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर लड़ेंगे

भारत"3 साल तक राहुल गांधी से नहीं मिल सका": कांग्रेस के पूर्व विधायक ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, कहा- लीडरशिप ग़लत हाथों में, हो बदलाव

भारतVIDEO: अनुराग ठाकुर ने तमिलनाडु सरकार को घेरा, लगाए गंभीर आरोप, देखें वीडियो

भारतराष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी में बगावत?, उपेंद्र कुशवाहा ने बेटे दीपक प्रकाश को बनाया मंत्री, विधायक रामेश्वर महतो खफा और सोशल मीडिया पर किया पोस्ट