समाजवाद के झंडा को बुलंद करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से दूरी कायम करने वाले शरद यादव अब एकबार फिर से राजद की शरण में हैं. वह अब राजद की टिकट पर मधेपुरा से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. यही नहीं वह अब अपने से कम उम्र के नेता तेजस्वी यादव की लीडरशिप में काम करेंगे
यहां बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हुए मतभेद के बाद शरद यादव ने जदयू को बाय-बाय कहते हुए लोकतांत्रिक जनता दल नाम से पार्टी का गठन किया था. कई नेता शरद यादव खेमे में आए थे. इसमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, पूर्व मंत्री रमई राम और अर्जुन राय आदि शामिल हैं. लेकिन शरद यादव अब लालू यादव के आगे बेबस हो गए.
लालू शुरुआती दौर से शरद यादव को राजद की टिकट पर चुनाव लड़ने की नसीहत दे रहे थे और आखिरकार शरद यादव को लालू की बात माननी पड़ी. खास बात यह रही कि महागठबंधन ने संवाददाता सम्मेलन कर शरद यादव की उम्मीदवारी पर औपचारिक ऐलान किया.
साथ ही यह भी कहा कि चुनाव के बाद शरद यादव अपनी पार्टी का राजद में विलय कर देंगे. जाहिर तौर पर अब शरद यादव तेजस्वी यादव की लीडरशिप में काम करेंगे. इसतरह कहा जाये तो लालू अपनी रणनीति में कामयाब रहे.