प्रशांत भूषण के पिता और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण का निधन, 97 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
By विनीत कुमार | Published: January 31, 2023 08:23 PM2023-01-31T20:23:12+5:302023-01-31T22:04:52+5:30
प्रशांत भूषण के पिता और देश के कानून मंत्री रहे शांति भूषण का निधन मंगलवार को 97 साल की उम्र में हो गया। वे मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली सरकार में कानून मंत्री रहे थे।

शांति भूषण का 97 साल की उम्र में निधन (फोटो- एएनआई)
नई दिल्ली: पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के पिता शांति भूषण का मंगलवार को निधन हो गया। वे 97 साल के थे। शांति भूषण पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। शांति भूषण ने दिल्ली में अपने निवास पर आखिरी सांस ली।
शांति भूषण ने मोरारजी देसाई के कार्यकाल में 1977 से 1979 तक भारत के कानून मंत्री के रूप में कार्य किया। साल 1980 में उन्होंने एनजीओ 'सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन' की स्थापना की, जिसने आगे चलकर सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण जनहित याचिकाएँ दायर की। शांति भूषण ने अपने बेटे प्रशांत भूषण के साथ मिलकर न्यायिक जवाबदेही के लिए 'न्यायिक उत्तरदायित्व और न्यायिक सुधार अभियान (CJAR)' भी शुरू किया। प्रशांत भूषण भी अपने पिता की तरह एक वकील और कार्यकर्ता हैं।
Former Law Minister and Senior Advocate Shanti Bhushan passes away.
— ANI (@ANI) January 31, 2023
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इंदिरा गांधी के खिलाफ केस में रहे थे वकील
शांति भूषण इलाहाबाद हाई कोर्ट में इंदिरा गांधी के खिलाफ केस में राज नारायण के वकील भी रहे थे। यही वो मामला था जिसमें फैसले के बाद इंदिरा गांधी का निर्वाचन रद्द कर दिया गया था। साल 2018 में शांति भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 'मास्टर ऑफ रोस्टर' सिस्टम में बदलाव की भी मांग की थी। हालांकि, इसे स्वीकार नहीं किया गया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने शांति भूषण के निधन पर जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शांति भूषण के निधन पर शोक जताते हुए और कहा कि कानूनी क्षेत्र में उनके योगदान और वंचितों के हक में आवाज उठाने के जुनून के लिए उन्हें याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, 'शांति भूषण जी को कानूनी क्षेत्र में उनके योगदान और वंचितों के हक में आवाज उठाने के जुनून के लिए याद किया जाएगा। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार के प्रति संवेदना।'
शांति भूषण के बेटे जयंत और प्रशांत भूषण भी अग्रणी अधिवक्ता हैं। शांति भूषण हाल तक कानूनी पेशे में सक्रिय थे और सर्वोच्च अदालत में दायर उस जनहित याचिका पर बहस किया था, जिसमें राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध किया गया था। शांति भूषण सार्वजनिक महत्व के कई मामलों में पेश हुए।