'सिख फॉर जस्टिस' ने फिर से दी धमकी, गणतंत्र दिवस पर फहराएंगे खालिस्तानी झंडा, ये किया ऐलान, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: January 12, 2022 04:48 PM2022-01-12T16:48:44+5:302022-01-12T17:30:10+5:30
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भिड़ंत हो गयी थी।
नई दिल्लीः पंजाब विधानसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस समारोह से पहले खालिस्तानी आतंकी समूह 'सिख फॉर जस्टिस' ने धमकी दी है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर तिरंगे की जगह खालिस्तानी झंडा फहराया जाएगा। अशांत करने की साजिश रची जा रही है।
अपने समर्थकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'ब्लॉक' करने और 26 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी से तिरंगा हटाने के लिए कहा है। वीडियो में प्रतिबंधित संगठन ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में भारतीय तिरंगे के बजाय खालिस्तानी झंडे उठाने वाले किसी भी व्यक्ति को 'इनाम' के रूप में $ 1 मिलियन डॉलर की घोषणा की है। फेसबुक पर एसएफजे प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने साझा किया है।
ये है खालिस्तानी कार्टून पन्नू। 😡 pic.twitter.com/jYbVsapLLY
— Ajay Sehrawat (@IamAjaySehrawat) January 12, 2022
भारत में सिखों को भड़काने का एक समान प्रयास पिछले साल किया गया था, जब एसएफजे ने गणतंत्र दिवस पर इंडिया गेट पर खालिस्तान झंडा फहराने के लिए 2,50,000 अमरीकी डालर के नकद इनाम की घोषणा की थी। किसानों के विरोध को भी हाईजैक कर लिया।
5 जनवरी को फिरोजपुर जाते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक की जिम्मेदारी लेने के बाद आतंकी समूह ने हाल ही में सुर्खियां बटोरीं। सिख फॉर जस्टिस ने 3 जनवरी को एक वीडियो जारी किया था जिसमें किसानों को पंजाब में पीएम मोदी के काफिले को रोकने के लिए उकसाया गया था, जहां वह एक राजनीतिक रैली को संबोधित करने वाले थे।
इसके लिए आतंकी संगठन ने एक लाख डॉलर के इनाम की भी घोषणा की थी। घटना के बाद, पन्नू ने दावा किया कि सिखों ने पीएम मोदी को पंजाब से बाहर कर दिया था और आगामी विधानसभा चुनाव खालिस्तान जनमत संग्रह का फैसला करेंगे। कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क जाम किए जाने के बाद फिरोजपुर के पास प्रधानमंत्री मोदी का काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा। एमएचए ने इसे सुरक्षा में बड़ी चूक करार दिया है। बीकेयू (क्रांतिकारी) प्रमुख सुरजीत सिंह फूल ने खुलासा किया कि यह उनके गुट ने सड़कों को अवरुद्ध किया था।
गणतंत्र दिवस 2021 के समारोहों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे, क्योंकि शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली निकालने का प्रस्ताव रखने वाले किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए थे। गणतंत्र दिवस पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों की राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर पुलिस से भिड़ंत हो गयी थी।
लाल किले में प्रदर्शनकारियों ने ध्वजस्तंभ पर धार्मिक झंडे लगा दिए थे और कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। भारतीय दंड संहिता, शस्त्र कानून, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून, प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल एवं अवशेष कानून, महामारी कानून और आपदा प्रबंधन कानून की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। जून में अदालत ने मामले में आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को 12 जुलाई को तलब किया था।