बातचीत के लिए सात दिन बाद का समय दिया जाना केंद्र सरकार की संवेदनहीनता : गहलोत

By भाषा | Updated: January 8, 2021 22:40 IST2021-01-08T22:40:46+5:302021-01-08T22:40:46+5:30

Seven days' time to be given for negotiation, Central government's insensitivity: Gehlot | बातचीत के लिए सात दिन बाद का समय दिया जाना केंद्र सरकार की संवेदनहीनता : गहलोत

बातचीत के लिए सात दिन बाद का समय दिया जाना केंद्र सरकार की संवेदनहीनता : गहलोत

जयपुर, आठ जनवरी राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों एवं केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत के बेनतीजा रहने के बाद कहा कि अगली बैठक के लिए सात दिन बाद का समय दिया जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्‍ठा को दिखाता है।

इसके साथ ही गहलोत ने उम्‍मीद जताई कि उच्‍चतम न्‍यायालय इस मामले में जल्‍द सुनवाई कर निर्णय करेगा।

उल्‍लेखनीय है कि किसान संगठनों एवं केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत शुक्रवार को नयी दिल्‍ली में हुई जो बेनतीजा रही।

गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की बातचीत में भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है। किसान 45 दिन से ठंड में सड़क पर बैठे हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने अगली बैठक के लिए सात दिन बाद का समय दिया है। यह मोदी सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा को दिखाता है।’’

गहलोत ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय जल्द ही इस मामले की सुनवाई कर निर्णय करेगा, ताकि किसानों के साथ न्याय हो सके।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Seven days' time to be given for negotiation, Central government's insensitivity: Gehlot

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे