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मांसाहार कर मंदिर जाने के विवाद पर बोले सिद्धारमैया- क्या भगवान ने कहीं कहा है कि क्या खाकर आना चाहिए, कहा- मैंने उस दिन...

By अनिल शर्मा | Updated: August 24, 2022 09:49 IST

पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के पास और कोई काम नहीं है और देश में चल रहे प्रमुख मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही है।

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ठळक मुद्दे कई जगहों पर देवताओं को मांस चढ़ाया जाता हैः सिद्धारमैयाक्या भगवान ने मंदिर जाने से पहले कहा है कि क्या खाना चाहिए और क्या नहींः सिद्धारमैया

बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने मांसाहार कर कोडलीपेट के बसवेश्वर मंदिर जाने पर अपनी सफाई दी है। कांग्रेस नेता ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि उन्होंने मंदिर जाने से पहले मांसाहारी भोजन नहीं किया। पूर्व सीएम ने भोजन के चुनाव के अधिकार पर जोर देते हुए इसे "गैर-मुद्दा" करार दिया।

गौरतलब है कि 18 अगस्त को सिद्धारमैया कोडलीपेट के बसवेश्वर मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता कथित रूप से मांसाहारी भोजन करने के बाद मंदिर में प्रवेश किया था। इस मुद्दे को लेकर भाजपा कांग्रेस पर हमलावर रही। इस बीच सिद्धारमैया खुद सामने आकर इसपर अपनी सफाई दी है।

बेंगलुरु में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, सिद्धारमैया ने कहा, "क्या मांस खाना एक मुद्दा है? यह एक व्यक्तिगत भोजन की आदत है। मैं शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का खाना खाता हूं। यह मेरी आदत है, जबकि कुछ मांस नहीं खाते हैं, यह उनकी खाने की आदत है।

 कई जगहों पर देवताओं को मांस चढ़ाया जाता हैः सिद्धारमैया

पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के पास और कोई काम नहीं है और देश में चल रहे प्रमुख मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए विवाद पैदा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से यह कोई मसला नहीं है। कई बिना मांस खाए चले जाते हैं और कई खाकर जाते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि कई जगहों पर देवताओं को मांस चढ़ाया जाता है। सच कहूं तो मैंने उस दिन मांस नहीं खाया था। दलील के लिए मेरे पास जो था कह दिया। उन्होंने कहा, वैस चिकन करी था। मैंने केवल बांस शूट करी और 'अक्की रोटी' खाई।

क्या भगवान ने मंदिर जाने से पहले कहा है कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने रविवार को अपने बचाव में कहा था, वह मांसाहारी हैं और यह उनकी खाने की आदत है। और सवाल किया कि क्या भगवान ने मंदिर जाने से पहले कहा है कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

'हिम्मत है, तो सिद्धारमैया सूअर का मांस खाएं और मस्जिद जाएं'

इससे पहले एक वरिष्ठ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने सिद्धारमैया को चुनौती दी और कहा, "यदि आप- सिद्धारमैया- में हिम्मत है, तो सूअर का मांस खाएं और मस्जिद जाएं।"

इस चुनौती और हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए, सिद्धारमैया ने कहा- "मैं केवल चिकन और मटन खाता हूं, कोई अन्य मांस (सूअर का मांस या बीफ) नहीं। लेकिन मैं इसे खाने वालों का विरोध नहीं करता, क्योंकि यह उनकी खाने की आदत है।"

टॅग्स :सिद्धारमैयाकर्नाटककांग्रेस
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