लाइव न्यूज़ :

एसईसीसी 2011 ओबीसी डेटा नहीं है, यह त्रुटिपूर्ण पाया गया: केंद्र ने न्यायालय से कहा

By भाषा | Updated: December 14, 2021 21:40 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी), 2011 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पर डेटा "नहीं" है तथा इसे सार्वजनिक नहीं किया गया क्योंकि इसे "त्रुटिपूर्ण" पाया गया था।

सरकार ने कहा कि वह ओबीसी के लिए आरक्षण का "पूरी तरह से समर्थन" करती है, लेकिन यह कवायद संविधान पीठ के फैसले के अनुरूप होनी चाहिए, जिसमें राज्य के भीतर स्थानीय निकायों के संबंध में पिछड़ेपन की प्रकृति और जटिलताओं की समसामयिक कठोर अनुभवजन्य जांच करने के लिए एक समर्पित आयोग की स्थापना सहित तीन शर्तों की बात कही गई थी।

शीर्ष अदालत महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें केंद्र और अन्य अधिकारियों को राज्य को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के एसईसीसी 2011 के कच्चे जातिगत आंकड़े उपलब्ध कराने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है। याचिका में कहा गया है कि बार-बार मांग किए जाने के बावजूद राज्य को संबंधित आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया गया।

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ से कहा कि न केवल आरक्षण के लिए बल्कि रोजगार, शिक्षा और अन्य के लिए भी एसईसीसी 2011 पर कोई भरोसा नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, "मैंने यह भी बताया है कि यह विश्वसनीय क्यों नहीं है। यह एक अलग उद्देश्य के लिए एकत्र किया गया था और जिन कारणों को लेकर गणना की गई थी, उन्हें त्रुटिपूर्ण पाया गया था।’’

केंद्र द्वारा इस साल सितंबर में दायर किए गए हलफनामे का हवाला देते हुए मेहता ने पीठ से कहा, "मैंने इसे आपके समक्ष बहुत स्पष्ट रूप से रखा है।"

सॉलिसिटर जनरल ने पीठ से कहा कि एसईसीसी 2011 "ओबीसी डेटा नहीं" है।

उन्होंने कहा, “एसईसीसी का मतलब सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है। ओबीसी के अलावा कोई और भी हो सकता है जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा हो।’’

मेहता ने कहा, "यही कारण हैं कि यह डेटा इतना त्रुटिपूर्ण क्यों है और इसे इसलिए सार्वजनिक नहीं किया गया है क्योंकि यह गुमराह कर सकता है तथा उद्देश्य को विफल कर सकता है। मैं पूरी तरह से समर्थन करता हूं कि ओबीसी के लिए आरक्षण होना चाहिए लेकिन उन्हें जो कवायद करनी है वह संविधान पीठ के अनुसार होगी…।”

महाराष्ट्र की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफड़े ने तर्क दिया कि राज्य ने मामले में दायर अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि केंद्र ने संसद की एक समिति को बताया था कि 98 प्रतिशत डेटा सही है।

हालांकि, मेहता ने कहा कि संसद में जवाब तैयार किए गए सवाल पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने शीर्ष अदालत के समक्ष अपने हलफनामे में कहा है कि एसईसीसी 2011 के आंकड़े किसी भी आरक्षण के लिए विश्वसनीय नहीं हैं।

सुनवाई के दौरान, पीठ ने कहा कि ओबीसी के लिए आरक्षण पर तभी आगे बढ़ा जा सकता है जब 2010 के संविधान पीठ के फैसले में उल्लिखित तीन शर्तों और बाद में तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले का पालन किया जाए।

मामले में दलीलें बुधवार को भी जारी रहेंगी।

इस साल मार्च में, शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि महाराष्ट्र में संबंधित स्थानीय निकायों में ओबीसी के पक्ष में आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षित कुल सीट के कुल 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतकफ सीरप मामले में सीबीआई जांच नहीं कराएगी योगी सरकार, मुख्यमंत्री ने कहा - अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा

क्रिकेटटी20 विश्व कप से बाहर, क्यों छीनी गई वनडे टीम की कप्तानी?, इस खिलाड़ी के साथ खेलेंगे शुभमन गिल?

भारतगोवा जिला पंचायत चुनावः 50 में से 30 से अधिक सीट पर जीते भाजपा-एमजीपी, कांग्रेस 10, आम आदमी पार्टी तथा रिवोल्यूश्नरी गोअन्स पार्टी को 1-1 सीट

क्राइम अलर्टप्रेमी गौरव के साथ अवैध संबंध, पति राहुल ने देखा?, पत्नी रूबी ने प्रेमी के साथ मिलकर हथौड़े-लोहे की छड़ से हत्‍या कर ग्राइंडर से शव टुकड़े कर फेंका, सिर, हाथ और पैर गायब

भारतलोनावला नगर परिषदः सड़क किनारे फल बेचने वालीं भाग्यश्री जगताप ने मारी बाजी, बीजेपी प्रत्याशी को 608 वोट से हराया

भारत अधिक खबरें

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सोशल मीडिया ‘इंस्टाग्राम’ पर मिली धमकी, पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी, जुटी जांच में

भारतबृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव: गठबंधन की कोई घोषणा नहीं?, राज-उद्धव ठाकरे में बातचीत जारी, स्थानीय निकाय चुनावों में हार के बाद सदमे में कार्यकर्त्ता?

भारतबिहार में सत्ताधारी दल जदयू के लिए वर्ष 2024–25 रहा फायदेमंद, मिला 18.69 करोड़ रुपये का चंदा, एक वर्ष में हो गई पार्टी की फंडिंग में लगभग 932 प्रतिशत की वृद्धि

भारतबिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय सरावगी ने कांग्रेस पर बोला तीखा हमला, कहा- कांग्रेस की नीतियां देशहित के खिलाफ

भारतपुणे नगर निगम चुनावः भाजपा-शिवसेना को छोड़ कांग्रेस से गठजोड़ करेंगे अजित पवार?, एनसीपी प्रमुख ने सतेज पाटिल को किया फोन