नयी दिल्ली, छह मार्च वैज्ञानिकों ने लंबे समय तक मदिरा के उपयोग से लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) पर पड़ने वाले प्रभाव की पहचान का उनके आकार के ‘हाई रिजोलूशन’ माप से पता लगाने के लिये एक उपकरण विकसित किया है। एक बयान में शनिवार को यह जानकारी दी गई।
मदिरा के प्रभाव के कारण आरबीसी के आकार में कमी को दिखाने वाले हाई-रिजोलूशन उपकरण को ऐसी कई स्थितियों के लिये संयोजित किया जा सकता है जो रक्त में लाल रुधिर कोशिकाओं के आकार व संख्या में बदलाव की पहचान वास्तविक समय के नतीजों के आधार पर करें।
यद्यपि यह ज्ञात है कि मदिरा आरबीसी पर प्रभाव डालती है लेकिन सटीक शारीरिक बदलाव बेहद सूक्ष्म होते हैं और इन्हें मापना काफी मुश्किल होता है।
इस चुनौती से पार पाने के लिये, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा पोषित संस्थान रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरआरआई) के प्रोफेसर गौतम सोनी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने एक ‘इलेक्ट्रो-फ्लुइडिक’ उपकरण विकसित किया है जिससे संवर्धित रेजोलूशन में कोशिका के आकार को मापकर परिवर्तन का पता लगाया जा सकता है।
आरआरआई में बना उपकरण प्रतिरोधी नब्ज संवेदन सिद्धांत पर काम करता है।
यह शोध कार्य हाल में अमेरिकन केमिकल सोसाइटी के एसीएस सेंसर्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ।
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