केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय के 2018 के उस फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा एससी/एसटी समुदायों की क्रीमी लेयर को आरक्षण के लाभ से बाहर रखने का आदेश दिया गया था।
आपको बता दें कि कोर्ट में अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि एससी/एसटी आरक्षण मामला सात सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजा जाए। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्र की याचिका पर दो सप्ताह बाद विचार होगा।
इसके अलावा आपको बता दें कि ओवैसी ने कुछ दिनों पहले अपने ट्वीट में लिखा कि मैं कोई मशहूर मुस्लिम नहीं हूं लेकिन मेरी दो बाते हैं- सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अधीन रिव्यू पिटिशन एक उपाय है और मैं सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दायर करने वाले वादियों के अधिकार के साथ खड़ा हूं। दूसरा- अगर सबरीमाला और एससी/एसटी एक्ट मामले में रिव्यू पीटिशन से ध्रुवीकरण में मदद नहीं मिली, तो इस मामले में भी ऐसा नहीं होना चाहिए।''