SC ने ‘सुप्रीम कोर्ट हमारा है’ टिप्पणी के लिये यूपी के मंत्री की निन्दा की

By भाषा | Published: September 13, 2019 01:24 AM2019-09-13T01:24:23+5:302019-09-13T01:24:23+5:30

बृहस्पतिवार को संविधान पीठ के समक्ष राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या मामले में 22वें दिन की सुनवाई शुरू होते ही धवन ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिये उचित माहौल नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने हाल की दो घटनाओं की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया।

SC slams UP minister for 'Supreme Court is ours' comment | SC ने ‘सुप्रीम कोर्ट हमारा है’ टिप्पणी के लिये यूपी के मंत्री की निन्दा की

SC ने ‘सुप्रीम कोर्ट हमारा है’ टिप्पणी के लिये यूपी के मंत्री की निन्दा की

उच्चतम न्यायालय ने उप्र के एक मंत्री की इस टिप्पणी की बृहस्पतिवार को निन्दा की कि अयोध्या में राम मंदिर और विवादित भूमि की तरह ही शीर्ष अदालत भी ‘हमारी’ है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन के इस कथन का संज्ञान लिया कि उन्हें उनकी फेसबुक पर धमकी भरा एक संदेश मिला है और उनके क्लर्क को भी गालियां दी गयी हैं और कुछ लोगों ने उस पर हमला भी किया है क्योंकि वह इस मामले में हिन्दू संगठनों के खिलाफ पेश हो रहे हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘देश में यह नहीं होना चाहिए। हम ऐसे बयानों की निन्दा करते हैं। दोनों ही पक्ष बगैर किसी भय के न्यायालय के समक्ष अपनी दलीलें पेश करने के लिये स्वतंत्र हैं।’’ संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

बृहस्पतिवार को संविधान पीठ के समक्ष राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या मामले में 22वें दिन की सुनवाई शुरू होते ही धवन ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिये उचित माहौल नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने हाल की दो घटनाओं की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह, मझे मेरी फेसबुक वाल पर एक संदेश मिला। मुझे धमकियां मिलीं। कल, मेरे क्लर्क से कहा गया कि उनका बॉस हिन्दू देवता के खिलाफ बहस कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उनके क्लर्क की पिटाई तक कर दी।

इसके बाद उन्होंने उप्र के मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा द्वारा 2018 में दिये गये कथित बयान का जिक्र किया और कहा, ‘‘उन्होंने कहा था कि जगह हमारी है। मंदिर हमारा है और सुप्रीम कोर्ट भी हमारी है।’’ धवन ने कहा, ‘‘मैं लगतार अवमानना याचिका तो दायर नहीं कर सकता हूं।’’

साथ ही उन्होंने कहा कि न्यायालय में तो ‘सौहार्द’ है लेकिन बाहर की स्थिति सुखद नहीं है और न्यायाधीशों की ओर से एक शब्द ही पर्याप्त होगा। पीठ ने धवन से जानना चाहा कि क्या उन्हें सुरक्षा की आवश्यकता है लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ता ने इस पेशकश को ठुकरा दिया।

धवन ने कहा कि वह ‘हिन्दू आस्था के खिलाफ बहस नहीं कर रहे हैं’’ और ‘‘लोग यह भूल गये कि मैंने अतीत में काशी और कामाख्या मामलों में बहस की थी।’’ इसके बाद, शीर्ष अदालत ने मामले में आगे सुनवाई शुरू की। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने पिछले सप्ताह धवन की अवमानना याचिका पर 88 वर्षीय सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी एन षणमुगम सहित दो व्यक्तियों को कारण बताओ नोटिस जारी किये थे।

धवन का आरोप था कि षणमुगम ने सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम पक्षकारों की ओर से यह मुकदमा अपने हाथ में लेने के लिये उन्हें गालियां दीं। राजस्थान का संजय कलाल बजरंगी दूसरा व्यक्ति था, जिसने धवन को व्हाट्सऐप संदेश भेजकर धमकी दी थी। बाद में धवन ने दावा किया था कि इस भूमि विवाद मामले में एक अन्य वादकारी इकबाल अंसारी पर उनके घर में अयोध्या में शार्प शूटर वर्तिका सिंह सहित दो व्यक्तियों ने हमला किया था। 

Web Title: SC slams UP minister for 'Supreme Court is ours' comment

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे