शवों के बीच रह रहे हैं कोरोना मरीज, दिल्ली के हालात भयावह: सुप्रीम कोर्ट
By निखिल वर्मा | Published: June 12, 2020 01:47 PM2020-06-12T13:47:19+5:302020-06-12T14:01:26+5:30
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली कोरोना वायरस से प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद तीसरे नंबर पर है.
सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों में शवों के बीच रहने को मजबूर कोविड-19 रोगियों का जिक्र करते हुए दिल्ली के हालात को ‘भयावह’ बताया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि अस्पताल शवों को रखने में उचित ध्यान नहीं रख रहे और यहां तक कि लोगों की मौत के बारे में उनके परिवार वालों को भी सूचित नहीं कर रहे। SC ने कोरोना वायरस के रोगियों की सही तरीके से देखरेख नहीं करने से जुड़े स्वत: संज्ञान वाले एक मामले में दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु से जवाब मांगा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कोविड-19 रोगियों और संक्रमित लोगों के शवों के प्रबंधन के लिए उठाये गये कदमों पर 17 जून तक जवाब देने को कहा है।
दिल्ली में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड 1877 मरीजे मिले
दिल्ली में कोरोना वायरस के एक दिन में रिकॉर्ड सबसे ज्यादा 1,877 नए मरीज सामने आए। राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमितों की संख्या अब 34,000 से अधिक हो गई है। वहीं मृतकों का आंकड़ा भी एक हजार से अधिक हो गया है। यह पहली बार है कि जब दिल्ली में कोरोना वायरस के 1800 से ज्यादा मामले एक दिन में आए हैं। इससे पहले तीन जून को सबसे ज्यादा 1513 मामले सामने आए थे।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 1,085 हो गई है। वहीं जानलेवा संक्रमण के 34,687 मामले हो गए हैं। बुलेटिन में बताया गया है कि 10 जून को 101 लोगों की मौत का ऐलान किया गया।