Patanjali ads case: सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरू रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के विरुद्ध दाखिल हुए मानहानि केस को बंद करने का आदेश दे दिया है। उच्चतम न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रोडक्ट्स के बारे में भ्रामक विज्ञापन और अन्य दावे जारी करने से रोकने के उनके वादे को स्वीकार कर लिया। हालांकि, इस केस में रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण ने लिखित में माफी मांगी और कहा कि आगे से गुमराह करने वाले विज्ञापनों और पतंजलि के उत्पादों को लेकर भ्रामक दावे नहीं किए जाएंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरू बाबा रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को जारी अवमानना नोटिस पर 14 मई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन फैलाकर आधुनिक दवाइयों का दुष्प्रचार किया गया था। याचिका में ये भी कहा गया कि पतंजलि एड्स में ये भी बताया गया कि दिनचर्या प्रभावित होने पर चमत्कार का वादा किया, जिससे ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स रूल्स, 1954 के तहत कानून का उल्लंघन किया है।
पिछले साल नवंबर में कंपनी द्वारा दिए गए वादे का उल्लंघन करते हुए अखबारों में लगातार विज्ञापन छपने के बाद अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण को अवमानना नोटिस जारी किया था।