सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के छेड़छाड़ (मॉर्फ) से तैयार की गई तस्वीर शेयर करने के लिए गिरफ्तार की गई बीजेपी यूथ विंग की संयोजक प्रियंका शर्मा की रिहाई में देरी पर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई है।
प्रियंका शर्मा के वकील ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बताया कि प्रियंका को अभी तक रिहा नहीं किया गया है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा 'अगर उन्हें रिहा नहीं किया गया कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया जा सकता है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह जुलाई के पहले सप्ताह में बीजेपी यूथ विंग की संयोजक प्रियंका शर्मा के आवेदन पर सुनवाई करेगी, जिसमें पश्चिम बंगाल के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। बता दें कि प्रियंका को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक मीम शेयर करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, प्रियंका की मां ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कोर्ट में बताया कि उन्हें 9: 40 पर रिहा कर दिया गया है, जबकि वह मेरे पास आई ही नहीं है।'
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की छेड़छाड़ (मॉर्फ) से तैयार की गयी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में गिरफ्तार भाजपा की महिला कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा को मंगलवार को जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि तस्वीर से छे़ड़छाड़ करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंका को जमानत देते हुए कहा, 'उन्हें तत्काल रिहा किया जाए। रिलीज के समय, वह लिखित में माफीनामा देंगी।'
हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने माफी मांगने की शर्त हटा दी थी। प्रियंका शर्मा को 10 मई को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने साथ ही पश्चिम बंगाल पुलिस को भी प्रियंका को हिरासत में लिये जाने के तरीके पर नोटिस जारी किया।
प्रियंका शर्मा की ओर से इस मामले में पैरवी कर रहे सीनियर वकील एनके कॉल ने हालांकि दलील दी कि माफी मांगना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन होगा। एनके कॉल ने मांग की फिलहाल जमानत दी जाए और वे माफीनामे पर प्रियंका से बात करेंगे।