घोड़ी पर चढ़कर दूल्हे के घर बारात लेकर गई दुल्हन, परिवार ने कहा- बेटियां किसी पर नहीं होती बोझ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 6, 2021 06:10 PM2021-02-06T18:10:48+5:302021-02-06T18:15:37+5:30
मध्य प्रदेश के सतना जिले के वलेचा परिवार की इकलौती बेटी घोड़ी पर चढ़कर रवाना हुई. बड़ी धूमधाम से बारात सतना से कोटा के लिए दूल्हे के घर के लिए रवाना हुई.
सतनाः अब तक आपने दूल्हे को घोड़ी पर चढ़कर दुल्हन के घर बारात लाते देखा होगा। लेकिन, मध्य प्रदेश के सतना जिले में दुल्हन घोड़ी पर चढ़कर दूल्हे के घर बारात लेकर गई.
यह घटना अब सुर्खियों में छाई हुई है. दरअसल, सतना जिले के वलेचा परिवार की इकलौती बेटी घोड़ी पर चढ़कर रवाना हुई. बड़ी धूमधाम से बारात सतना से कोटा के लिए दूल्हे के घर के लिए रवाना हुई. परिवार ने बेटी की घोड़ी पर चढ़ने की ख्वाहिश न केवल पूरी की बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि बेटियां किसी पर बोझ नहीं है.
परिवार ने कहा कि बेटा और बेटी में कोई अंतर भी नहीं है. समाज में जितना अधिकार बेटों को है उतना ही अधिकार बेटियों को भी दिया जाए. दुल्हन दीपा वलेचा ने कहा,''मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी घोड़ी पर बैठूंगी. जब मैंने देखा कि इन लोगों ने इतना कुछ प्लान किया है तो मुझे बहुत अच्छा लगा कि मेरा परिवार मेरे बारे में इतना सोचता है.''
दीपा ने कहा,''मैं यह संदेश देना चाहती हूं कि लड़कियां अपने परिवार के लिए कभी बोझ नहीं होती हैं. सभी को सोचना चाहिए कि लड़कियां भी लड़कों के बराबर होती हैं. इसलिए उन्हें उतना ही प्यार मिलना चाहिए जितना लड़कों को दिया जाता है.'' परिवार की मानें तो उनके यहां सालों बाद एक बेटी हुई है. वे अपनी बेटी को बेटे से भी ज्यादा प्यार करते हैं.
दीपा के परिवार ने कहा कि समाज में अक्सर बेटों को प्राथमिकता दी जाती है. इसी कारण हम अपनी बेटी की बारात निकालकर समाज को यह संदेश देना चाहते हैं की बेटियों का सम्मान करें क्योंकि बेटी है तो कल है.
दुल्हन की मां नेहा वलेचा ने कहा कि जैसे हम बेटों की बारात निकालते हैं वैसे ही हमारा सपना था कि बेटी की बारात निकालें. 25 साल बाद हमारे परिवार में किसी बेटी की शादी हो रही है तो सभी काफी खुश थे. आज भी हमारे समाज में कुछ कुरीतियां मौजूद हैं, जो बेटियों को बोझ समझती हैं. दीपा की शादी उनके लिए संदेश है.