केजरीवाल को नहीं मिली डेनमार्क जाने की मंजूरी, संजय सिंह ने कहा- पता नहीं मोदी जी हमारे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं
By विनीत कुमार | Published: October 8, 2019 02:08 PM2019-10-08T14:08:58+5:302019-10-08T14:08:58+5:30
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंगलवार दोपहर दो बजे डेनमार्क के कोपनहेगन में सम्मेलन के लिए जाने का कार्यक्रम था। हालांकि, विदेश मंत्रालय से उन्हें मंजूरी नहीं मिली है।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल को सी-40 जलवायु सम्मेलन में शिरकत करने के लिए डेनमार्क जाने के लिए विदेश मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिलने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार संजय सिंह ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है और मेरी समझ से बाहर है कि आखिर मोदी जी की सरकार हमारे साथ विद्वेषपूर्ण तरीके से काम क्यों कर रही है।'
संजय सिंह ने साथ ही कहा, 'वो (केजरीवाल) किसी छुट्टी पर नहीं जा रहे थे बल्कि एशिया के 100 शहरों के मेयर के साथ चर्चा के लिए जा रहे थे। वह प्रदूषण को हटाने की कोशिश सहित हमारे देश की एक अच्छी तस्वीर पेश करते। मुख्यमंत्री के अब तक के कितने आधिकारिक दौरों को रद्द किया गया है? हमने एक महीने पहले इसके लिए अप्लाई किया था लेकिन मंजूरी नहीं मिली।'
Sanjay Singh:He wasn't going on vacation but to hold discussions with Mayors of 100 cities of Asia&present better picture of our country on efforts to abate pollution. How many official visits of CMs have been cancelled till date?We applied a month ago but couldn't get clearance
— ANI (@ANI) October 8, 2019
बता दें कि दिल्ली सरकार के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंगलवार दोपहर दो बजे डेनमार्क के कोपनहेगन में सम्मेलन के लिए जाने का कार्यक्रम था। सम्मेलन 9 अक्टूबर को शुरू होगा और 12 अक्टूबर तक चलेगा। पिछले सप्ताह मीडिया के एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि विभिन्न तथ्यों के आधार पर निर्णय किया जाता है।
दिल्ली सरकार के सूत्रों ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री शायद डेनमार्क नहीं जा पाएंगे। उन्हें आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना था। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि विदेश मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फरहाद हाकिम को मंजूरी दे दी है। पिछले साल सितंबर में केजरीवाल दिल्ली और सियोल के बीच समझौते पर दस्तखत करने के लिए दक्षिण कोरिया गए थे।