मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि शरद पवार ने कहा कि विपक्ष जेपीसी की मांग कर रहा है लेकिन इससे कुछ नहीं निकलेगा क्योंकि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का अध्यक्ष भाजपा का होगा...अडानी को लेकर टीएमसी, एनसीपी की अपनी राय है लेकिन इससे विपक्षी एकता प्रभावित नहीं होगी। इससे पहले शरद पवार ने कहा था कि अडानी मामले की जेपीसी की जांच की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने ऐसा इसलिए कहा था सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति प्रासंगिक मुद्दों की जांच कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में अडानी समूह को निशाना बनाया गया था। एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में शरद पवार ने ऐसी कई बातें कहीं जो कांग्रेस के बयानों और मांगों के उलट है। शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस जेपीसी की मांग कर रही है जिसमें सत्ता पक्ष के ही लोगों की बहुमत होगी।
उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे में सच्चाई कैसे सामने आएगी, आशंकाएं हो सकती हैं। एक बार जब सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर चुका है, तो जेपीसी (जांच) की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। समिति को दो महीने में रिपोर्ट देने को कहा गया है। इंटरव्यू के एक दिन बाद पवार ने शनिवार को कहा कि यह सच है कि एनसीपी उन विपक्षी दलों में से एक है जो संसद में अडानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग में शामिल हो गए हैं।
अडानी मुद्दे पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मेरी पार्टी ने जेपीसी का समर्थन किया है लेकिन मुझे लगता है कि जेपीसी में सत्ताधारी दल का वर्चस्व होगा और इसलिए सच्चाई सामने नहीं आएगी इसलिए मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाला पैनल सच्चाई को सामने लाने का एक बेहतर तरीका है।