संत रविदास को याद किया गया, मायावती ने दलित, आदिवासी संतों की उपेक्षा का आरोप लगाया

By भाषा | Published: February 27, 2021 10:12 PM2021-02-27T22:12:01+5:302021-02-27T22:12:01+5:30

Saint Ravidas remembered, Mayawati accused of neglecting Dalit, tribal saints | संत रविदास को याद किया गया, मायावती ने दलित, आदिवासी संतों की उपेक्षा का आरोप लगाया

संत रविदास को याद किया गया, मायावती ने दलित, आदिवासी संतों की उपेक्षा का आरोप लगाया

नयी दिल्ली, 27 फरवरी संत-कवि रविदास की जयंती पर शनिवार को उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए समाज में उनके योगदान को याद किया गया। इस मौके पर कई नेताओं ने लोगों से उनकी शिक्षाओं से सीख लेने का आह्वान किया, वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा और कांग्रेस पर "दलित,आदिवासी और ओबीसी परिवारों में पैदा हुए संतों तथा महापुरुषों की हमेशा उपेक्षा" करने का आरोप लगाया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गुरु रविदास ने सामाजिक समानता, एकता, नैतिकता तथा परिश्रमरत रहने के मूल्यों पर बल दिया।

उपराष्ट्रपति एम वेकैंया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संत रविदास को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए उनके संदेशों को याद किया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने वाराणसी में संत रविदास मंदिर जाकर पूजा अर्चना की।

नायडू ने ट्विटर पर लिखा, " महान कवि-संत गुरु रविदास जी को उनकी जयंती पर आज मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। रविदास जी सार्वभौमिक भाईचारे में विश्वास करते थे और उन्होंने अपनी रचनाओं तथा शिक्षाओं से एकता का संदेश फैलाया है। आज जब हम उन्हें याद कर रहे हैं तो, उनकी शिक्षाओं का अनुसरण भी करें और संकल्प लें कि उनके दिखाए गए मार्ग पर चलेंगे।"

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सदियों पहले संत रविदास द्वारा समानता, सद्भावना और करूणा पर दिया गया संदेश देश के लोगों को पीढ़ियों तक प्रेरित करेगा।

उन्होंने ट्वीट किया, " उन्हें (संत रविदास को) उनकी जंयती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। "

बसपा प्रमुख मायावती ने संत रविदास को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकारों को संत रविदास के बताए रास्ते पर चलकर समाज व देश का कल्याण करना चाहिए।

मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘ बसपा की उत्तर प्रदेश में चार बार बनी सरकार में संत-गुरु रविदास के सपनों को साकार करने का भरसक प्रयास हुआ व उनके सम्मान में जो जनहित व जनकल्याण का काम यहाँ किया गया, वह किसी से छिपा नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकारें उनके (संत रविदास) बताए रास्ते पर चलकर समाज व देश का भला करें।

बाद में बसपा द्वारा जारी एक बयान में मायावती ने कहा कि ''संत रविदास का धर्म के लिए संदेश स्‍वार्थ के लिए नहीं बल्कि जनसेवा के लिए समर्पित होने का है, जिसे भुला दिये जाने के कारण ही वर्तमान समय में आम जनजीवन अनेक प्रकार की समस्‍याओं से पीड़ित व ग्रस्‍त है।''

विरोधी दलों पर हमला करते हुए मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस, भाजपा व अन्‍य विरोधी दल, बसपा की स्‍थापना से पहले देश में दलितों, आदिवासियों व अन्‍य पिछड़े वर्गों में जन्‍मे इनके महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों की उपेक्षा करते रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने लखनऊ के संत रविदास मंदिर में उनकी प्रतिमा पर पुष्‍पांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि 645 वर्ष पूर्व महान संत रविदास का प्राकट्य हुआ था, जिन्होंने काशी की धरती पर जन्म लेकर भारत के सनातन धर्म की परम्परा को नयी ऊंचाइयां दीं।

उन्होंने कहा ''... यह भाव हम सब इस रूप में देख रहे हैं कि व्यक्ति अपने कर्मों के माध्यम से कैसे महानता हासिल करता है और कैसे लोकपूज्य हो सकता है। सन्त रविदास जी का जीवन चरित्र हम सबको इस बात की प्रेरणा प्रदान करता है।''

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने वाराणसी के सीर गोवर्धन स्थित रविदास मंदिर में पूजा अर्चना की और कहा कि सच्‍चा धर्म हमेशा सरल होता है और उसमें कोई राजनीति नहीं होती है।

उन्होंने कहा कि संत रविदास ने जो धर्म सिखाया, वह सच्चा धर्म है और सच्चा धर्म हमेशा सरल होता है और उसमें कोई राजनीति नहीं होती, कोई भेदभाव नहीं होता है।'

अखिलेश यादव ने कहा, ''संत रविदास समाज सुधारक, महान क्रांतिकारी और स्वतंत्र चिंतक थे और उन्होंने पाखंड और कुरीतियों का डटकर विरोध किया। समाज में एकता, भाईचारा और समानता के लिए उनका पूरा जीवन समर्पित रहा, उनके अनुसार मानव सेवा ही वास्तविक धर्म है।''

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम में कहा कि संत रविदास की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा, "समाज में भाईचारा और सामाजिक सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए सभी को ऐसे महान लोगों के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए।"

इस अवसर पर उन्होंने चार लोक कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा भी की। इनमें गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अनुसूचित जाति के परिवारों को मकानों की मरम्मत के लिए बी आर आंबेडकर आवास नवनिर्माण योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये किया जाना शामिल है।

मुख्यमंत्री खट्टर ने घोषणा की कि अगले वित्त वर्ष से बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी के लिए मौजूदा 1.2 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 1.8 लाख रुपये कर दिया गया है।

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Web Title: Saint Ravidas remembered, Mayawati accused of neglecting Dalit, tribal saints

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