नई दिल्लीः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित धनशोधन मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। जांच एजेंसी उनसे पूछताछ कर रही है। राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय से ईडी दफ्तर पहुंचे। इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और राहुल गांधी के प्रति अपना समर्थन जताया।
कांग्रेस ने राहुल गांधी की पेशी के मद्देनजर देश भर में ईडी कार्यालयों के बाहर ‘सत्याग्रह’ का फैसला किया था और दिल्ली में भी बड़े पैमाने पर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रखी थी। कांग्रेस के यहां प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर पुलिस ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और पार्टी मुख्यालय के आसपास धारा 144 लगा दी। मुख्य विपक्षी दल के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ईडी को भाजपा का ‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिमार्टमेंट’ करार दिया और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के ‘सत्याग्रह’ को रोकने के लिए नयी दिल्ली के इलाके में अघोषित आपातकाल लगा दिया है।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद सुरजेवाला ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि गोडसे के वंशज एक बार फिर गांधी को डराने चले हैं, ना महात्मा गांधी डरे थे और ना उनके उत्तराधिकारी डरेंगे। सुरजेवाला ने कहा, अगर इस देश में अखबार के पत्रकारों की तनख्वाह देना, हाउस टैक्स देना, बिजली का बिल देना अपराध है तो हम ये अपराध बार-बार करेंगे।
कांग्रेस प्रवक्ता ने हिरासत में लिए जाने की तस्वीर साझा करते हुए कहा हि कायर मोदी सरकार हमें गिरफ्तार करे और हमें आजीवन कारावास दे पर अंग्रेज भी हारा था और मोदी भी हारेगा। कांग्रेस प्रवक्ता ने अपने एक ट्वीट में लिखा- कायर मोदी सरकार ने केन्द्रीय दिल्ली को छावनी में तबदील कर दिया है। सैंकड़ों पुलिस बैरीयर और हजारों पुलिस के सिपाहियों को लगा क्या साबित कर रहे हैं? हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी क्यों? क्या पैदल चलना भी अपराध है? सत्य का आंदोलन चलता रहेगा।