कठुआ गैंगरेप: "इंटेलीजेंस" पर सवाल उठाए जाने पर महिला DSP ने कहा- दुख होता है ऐसे बयान सुनकर
By भारती द्विवेदी | Published: April 19, 2018 03:09 PM2018-04-19T15:09:26+5:302018-04-19T15:09:26+5:30
श्वेताम्बरी कठुआ गैंगरेप मामले की जांच कर रही आठ सदस्यी टीम का हिस्सा थीं। और इस टीम की एकलौती महिला सदस्य भी।
नई दिल्ली, 19 अप्रैल: 'सिर्फ महिला होने की वजह से जब आपके इंटेलीजेंस पर सवाल खड़ा किया जाता है, तो बहुत दुख होता है। इस तरह की चौंकाने वाली टिप्पणी पर मुझे क्या बोलना चाहिए, पूरे देश में इस पर टिप्पणी करने के लिए है।'
ये बातें जम्मू-कश्मीर की डीएसपी श्वेताम्बरी शर्मा ने कही हैं। श्वेताम्बरी कठुआ गैंगरेप मामले की जांच कर रही आठ सदस्यी टीम का हिस्सा थीं। और इस टीम की एकलौती महिला सदस्य भी। जम्मू-कश्मीर पुलिस के क्राइम ब्रांच ने 21 जनवरी को विशेष जांच दल (एसआईटी) गठन किया था। श्वेताम्बरी का ये बयान आरोपियों के वकील अंकुर शर्मा के बयान के बाद आया है। अंकुर शर्मा कठुआ गैंगरेप मामले में आठ साल की बच्ची के बलात्कार और हत्या के आरोपियों के वकील हैं। श्वेताम्बरी पर टिप्पणी करते हुए अंकुर शर्मा ने कहा था- "श्वेताम्बरी क्या है, लड़की है। उसका कितना ही दिमाग होगा। वो महिला है और नई अफसर है, उसके किसी ने बहका दिया है।"
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इस पूरे मामले की जांच के दौरान श्वेताम्बरी ने जो भी कठिनाई महसूस किया, उस मीडिया से साझा करते हुए कहा था कि केस के दौरान उन पर अभियुक्तों के संग नरमी बरतने के लिए काफी दबाव डाला गया था। शर्मा ने समाचार वेबसाइट द क्विंट से कहा था कि अभियुक्तों ने उनसे कहा था कि वो हिन्दू और ब्राह्मण होकर भी एक मुस्लिम लड़की के बलात्कार और हत्या के लिए उनके खिलाफ जांच कर रही हैं। शर्मा ने अभियुक्तों को जवाब दिया था कि वो पुलिस अफसर हैं और उनका धर्म उनका कर्तव्य है।
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बता दें कि जनवरी में कठुआ में आठ साल की बच्ची से गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी। बलात्कार और हत्या मामले को लेकर अप्रैल में चार्जशीट दाखिल किया गया। इस चार्जशीट में सांझी राम, दीपक खजूरिया, सुरेंद्र वर्मा, प्रवेश कुमार (मन्नू), सांझी राम के भतीजे, विशाल जंगोत्रा और एक नाबालिग को अभियुक्त बनाया गया है। अभियुक्तों में एक मंदिर का पुजारी और चार पुलिसवाले भी शामिल हैं।
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इन सभी आरोप है कि इनन्होंने कठुआ के रासना गाँव स्थित देवीस्थान मंदिर में आठ साल की बच्ची का बलात्कार किया और बाद में उसकी हत्या कर दी। बच्ची बकरवाल मुस्लिम समुदाय से सम्बन्ध रखती है। एसआईटी ने अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि अभियुक्तों ने बकरवाल समाज को कठुआ से बाहर निकालने के लिए सोची-समझी योजना के तहत बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या की।