कठुआ गैंगरेप: अगर कोई भी वकील दोषी पाया गया तो जीवनभर के लिए लाइसेंस होगा रद्द- BCI चैयरमैन
By भारती द्विवेदी | Published: April 15, 2018 05:17 PM2018-04-15T17:17:27+5:302018-04-15T17:17:27+5:30
BCI ने जम्मू बार एसोसिएशन को तुरंत हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली, 15 अप्रैल: कठुआ गैंगरेप में आरोपियों के समर्थन में जम्मू के वकीलों ने तिरंग यात्रा निकाली थी। साथ ही भारत माता की जय का नारा लगाया था। पीड़िता के पिता ने वकीलों के ऊपर धमकाने का आरोप भी लगाया है। जिसकी वजह से जम्मू बार एसोसिएशन के वकीलों की चौतरफा निंदा हो रही है। वकीलों के रैवये को देखते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया अब सख्त हुआ है। बार काउंसिल इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा है- 'अगर कोई भी वकील दोषी पाएगा, हमारे पास उनका लाइसेंस जीवनभर के लिए रद्द करने का अधिकार है।'
If any lawyer is found guilty in the case, we have the rights to cancel their license for a lifetime: Manan Kumar Mishra, Bar Council of India (BCI) chairman #Kathua rape and murder case pic.twitter.com/h3zVxvfIki
— ANI (@ANI) April 15, 2018
प्रेस कॉफ्रेंस में कठुआ गैंगरेप पर बात करते हुए बार काउंसिल के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा है- 'हमने मीटिंग में ये तय किया है कि 5 सदस्यों की एक टीम केस की जांच के लिए जम्मू और कठुआ जाएगी। टीम वहां के लोगों से बात करके मामले की जांच करेगी। फिर कमिटी हमें रिपोर्ट देगी। जिसे हम 19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे। हम सुप्रीम कोर्ट से अतिरिक्त दो दिन का समय देने की अपील करेंगे। साथ ही हमने जम्मू बार एसोसिएशन को तुरंत हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया है।'
Committee will give the report to us & we have to present it to SC on 19. We will request SC to give us additional two days time. We have asked Jammu Bar Association to immediately withdraw their strike: Manan Kumar Mishra, Bar Council of India (BCI) chairman #KathuaRapeCasepic.twitter.com/awzREagSAA
— ANI (@ANI) April 15, 2018
कठुआ के रसाना गांव की आठ साल की बच्ची से जनवरी में रेप हुआ था। नौ अप्रैल को इस मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होना था लेकिन वकीलों ने इतना हंगामा कियाा कि चार्जशीट दाखिल नहीं हो पाया। जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने 10 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल किया। वकीलों ने फिर से इसका विरोध करते हुए और आरोपियों के समर्थन में 11-12 को पूरे जम्मू-कश्मीर में बंद बुलाया। कठुआ जिला जेल के बाहर लगातार प्रदर्शन किया और गैंगरेप के आरोपियों का केस मुफ्त में लड़ने का प्रस्ताव भी दिया था।