चंडीगढ़, 14 जुलाई अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बुधवार को विशेष जांच दल पर आरोप लगाया कि उन्होंने बेअदबी के एक मामले में दर्ज एक प्राथमिकी से डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह का नाम हटा दिया। पुलिस ने इस आरोप का खंडन किया है।
वर्ष 2015 में हुई अपवित्रीकरण की घटनाओं की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने यह भी कहा कि सिरसा डेरा प्रमुख का नाम इस मामले में नहीं है और एसआईटी ने किसी को क्लीन चिट नहीं दी है। अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा कि एसआईटी ने कुछ दिन पहले प्राथमिकी संख्या 128 के संबंध में फरीदकोट की एक अदालत में एक आरोप पत्र दाखिल किया था।
जत्थेदार ने कहा, “यह आश्चर्यजनक है कि एसआईटी ने प्राथमिकी संख्या 128 के संबंध में एक चालान दाखिल किया और उस मामले में से डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख का नाम हटा दिया। इससे संदेह पैदा होता है। यहां राजनीति हो रही है। हम कहते रहे हैं कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “उसका (डेरा प्रमुख) नाम चुपचाप क्यों हटा दिया गया। क्या यह 2022 विधानसभा चुनाव में लाभ लेने के लिए किया गया है।” उन्होंने मांग की, कि डेरा प्रमुख को हरियाणा जेल से पंजाब लाया जाना चाहिए और उनसे बेअदबी की घटना का बारे में पूछताछ की जानी चाहिए।
गुरमीत राम रहीम सिंह अपने आश्रम की दो महिलाओं का बलात्कार का दोषी पाए जाने के बाद 20 साल जेल की सजा काट रहा है। उसे पंचकूला में 2017 में विशेष सीबीआई अदालत ने सजा सुनाई थी।
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