सचिन पायलट का गुलाम नबी आजाद पर बड़ा हमला, बोले- '2014 के चुनाव में यूपीए सरकार हारी थी तो गुलाम नबी आजाद भी मंत्री थे, फिर राहुल गांधी कैसे जिम्मेदार हुए'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 27, 2022 09:16 PM2022-08-27T21:16:07+5:302022-08-27T21:19:35+5:30

सचिन पायलट ने गुलाम नबी आजाद पर हमला करते हुए हा कि जो यूपीए सरकार साल 2014 में चुनाव हारी थी, आजाद भी उसमें शामिल थे। उसके बाद भी वो किस तरह से केवल राहुल गांधी को हार के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं।

Sachin Pilot said, 'Wrong to hold one person responsible for the election defeat', Ghulam Nabi Azad targeted Rahul Gandhi in his resignation | सचिन पायलट का गुलाम नबी आजाद पर बड़ा हमला, बोले- '2014 के चुनाव में यूपीए सरकार हारी थी तो गुलाम नबी आजाद भी मंत्री थे, फिर राहुल गांधी कैसे जिम्मेदार हुए'

फाइल फोटो

Highlightsसचिन पायलट ने कहा कि गुलाम नबी आजाद द्वारा राहुल गांधी पर आरोप लगाया जाना गलत है 2014 में जो यूपीए सरकार भाजपा से हारी थी, उसमें खुद गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे 2014 में मिली हार अकेले राहुल गांधी की नहीं बल्कि पार्टी की सामूहिक जिम्मेदारी थी

जयपुर:सचिन पायलट ने पार्टी वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका पार्टी से जाना और इस्तीफे में राहुल गांधी पर आरोप लगाया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। गहलोत सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट ने शनिवार को कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए किसी एक को कटघरे में नहीं खड़ा किया जा सकता है। यह केवल राहुल गांधी की नहीं बल्कि पार्टी की सामूहिक जिम्मेदारी थी।

इसके साथ ही पायलट ने आजाद की चिट्ठी में राहुल गांधी का उल्लेख किया जाने को "व्यक्तिगत अपमान" बताया और कहा कि उनका नेतृत्व हार के लिए जिम्मेदार कैसे हो सकता है, जब पूरी पार्टी मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ रही थी।पायलट ने कहा कि गुलाम नबी आजाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे लेकिन उन्होंने जिस समय में पत्र लिखकर पार्टी से किनारा किया है, उसे केवल दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जा सकता है। अब जब कि पार्टी केंद्र की सत्ता में काबिज भाजपा सरकार के "कुशासन" को जनता के बीच ले जाने की तैयारी कर रही थी उस समय आजाद ने अपनी  जिम्मेदारियों से मुक्ति पाकर ठीक मिसाल नहीं पेश की है।

उन्होंने कहा, "गुलाम नबी आजाद खुद अपने इस्तीफे में बता रहे हैं कि वो 50 से अधिक वर्षों तक पार्टी में विभिन्न पदों पर रहे और अब जब देश को और पार्टी के लोगों को उनकी जरूरत थी तो उन्होंने आंखें फेर ली।"

सचिन पायलट ने कहा, "कांग्रेस में हम सभी, जिसमें खुद आजाद भी शामिल थे। यूपीए सरकार में मंत्री रहे। इसलिए 2014 में मिली हार केवल पार्टी की नहीं बल्कि उस सरकार की भी थी। इस कारण अकेले राहुल गांधी पर आरोप नहीं लगाया जा सकता है।"

मालूम हो कि गुलाम नबी आजाद ने अपने त्याग पत्र में यूपीए शासनकाल के दौरान राहुल गांधी द्वारा सरकारी अध्यादेश को फाड़े जाने की कड़ी आलोचना करते हुए उसे राहुल गांधी का सबसे अपरिपक्वता कदम बताया है। गुलाम नबी आजाद का कहना है कि यूपीए की 2014 के मिली चुनावी हार में राहुल गांधी द्वारा अध्यादेश की कॉपी फाड़े जाने का बहुत बड़ा रोल था और इसे पार्टी द्वारा नकारा नहीं जा सकता है।

इस मुद्दे पर सचिन पायलट ने कहा कि गुलाम नबी आजाद अपने इस्तीफे में राहुल गांधी द्वारा अध्यादेश को फाड़े जाने का वर्णन करना बताता है कि वो निजी तौर पर राहुल गांधी को बदनाम करने की नीयत रखते हैं।

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी के भीतर चल रही कई तरह की गुटबाजी को उजागर करते हुए पार्टी से इस समय इस्तीफा दे दिया, जब कांग्रेस की कार्यकारी प्रमुख सोनिया गांधी अपने इलाज के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ विदेश में गई हुई हैं।

आजाद ने सोनिया गांधी को लिखे पांच पन्नों के अपने इस्तीफे में उन्हें पार्टी का नाममात्र का मुखिया बताया है और साथ में यह आरोप लगाया है कि कांग्रेस में इससे बदतर स्थिति क्या हो सकती है, जब महत्वपूर्ण निर्णय राहुल गांधी के सुरक्षा गार्ड और पीए द्वारा लिये जा रहे हों। 

Web Title: Sachin Pilot said, 'Wrong to hold one person responsible for the election defeat', Ghulam Nabi Azad targeted Rahul Gandhi in his resignation

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