दिल्ली:यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच भारत सरकार ने एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा है कि रूसी हमले से सबसे ज्यादा प्रभावित खारकीव शहर में फंसे सभी भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत का रेस्क्यू ऑपरेशन अब भी प्रभावित इलाकों से भारतीयों को निकालने के लिए जारी है।
बताया जा रहा है कि युद्धग्रस्त खारकीव में अब कोई भी भारतीय नहीं बचा है। खारकीव से सुरक्षित निकले भारतीय छात्रों ने बताया कि रूसी हमले के कारण खारकीव की हालात बेहद खराब है। भारी हमबारी और गोलाबारी के कारण शहर लगभग खंडहर में तब्दील हो चुका है। खारकीव की कई ऊंची इमारतें मिसाइल हमले से पूरी तरह से तबाह हो चुकी हैं।
सरकार की ओर से जारी की गई एक अहम जानकारी में बताया गया है कि यूक्रेन की राजधानी कीव में गोली लगने से घायल हुए भारतीय छात्र हरजोत सिंह को कीव से निकालकर स्वदेश लाया जा रहा है। हरजोत सिंह राजधानी कीव से निकलते वक्त गोली लगने से घायल हो गये थे, जिसके कारण उन्हें दोबारा कीव ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा था।
'ऑपरेशन गंगा' के तहत हरजोत सिंह को पहले कीव से पोलैंड लगाया गया, जहां से उन्हें C-17 विमान के जरिए भारत लाया जा रहा है। हरजोत को जब विमान में सवार किया जा रहा था तो उस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री और पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह भी पोलैंड के हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
हरजोत सिंह से हवाई अड्डे पर मिलने के बाद जनरल वीके सिंह ने ट्वीट किया, “मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वह सुरक्षित हाथों में है। उसका बुरा पीछे छूट चुका है, मैं उसे अपने परिवार के साथ फिर से देखने के लिए उत्सुक हूं। आशा है कि वह तेजी से स्वस्थ होगा।”
जानकारी के मुतबाकि दिल्ली के रहने वाले हरजोत सिंह आईटी स्पेशलिस्ट हैं और यूक्रेन में उच्च शिक्षा के लिए गये थे। लड़ाई के दौरान हरजोत अपने साथी दोस्तों के साथ भारत आने के लिए निकले थे। ट्रेन में जगह नहीं मिल पाने के कारण पोलैंड बॉर्डर तक पहुंचने के लिए उन्होंने कैब का सहारा लिया, लेकिन रास्ते में उन्हें रोककर वापस जाने को कहा गया और जैसे ही कैब ने यूटर्न लिया तो फायरिंग होने लगी।
फायरिंग में हरजोत सिंह को चार गोलियां लगीं और वह बुरी तरह से घायल हो गए। उस दौरान मची अफरा-तफरी के बीच उनका पासपोर्ट भी गुम हो गया था। इस पूरे मामले की जानकारी मिलते ही भारत सरकार ने तेजी से कार्य किया। भारतीय दूतावास के माध्यम से उनके इलाज की व्यवस्था की गई। इसके साथ ही भारत सरकार ने हरजोत सिंह के इलाज का खर्च उठाने का ऐलान किया।
युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार ‘ऑपरेशन गंगा’चला रही है। इसके तरह रविवार 6 मार्च तक कुल 76 उड़ानों केो जरिये 15,920 से अधिक नागरिक यूक्रेन से वापस भारत आ चुके हैं। अब खारकीव शहर से भारतीयों को निकालने के बाद भारत सरकार का पूरा ध्यान यूक्रेन के पूर्वी शहर सूमी में फंसे भारतीयों पर हैं।